शनिवार, 27 मार्च 2021
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यात्रा के इस लेख में हम अपनी पूर्वाञ्चल से वापसी की यात्रा का वर्णन करेंगे, पूर्वाञ्चल जाते हुए हमें जो रास्ते खराब मिले थे वापिस आते हुए हमने उन्हें नहीं लिया ! बल्कि दूसरे वैकल्पिक रास्तों से होकर हमने अपना सफर शुरू किया, इस लेख में आपको इन्हीं रास्तों से संबंधित जानकारी दी जाएगी, ताकि अगर आपको कभी इस क्षेत्र में यात्रा करनी हो तो आप अपने लिए सही रास्ते का चुनाव कर सके ! चलिए, बिना देर किए हम अपनी यात्रा की शुरुआत करते है, ग़ाज़ीपुर में एक सप्ताह बिताने के बाद हमारी वापसी 27 मार्च को थी, वापसी में भी हमने अपना सफर सुबह 5 बजे शुरू किया, यात्रा के लिए सारी तैयारियां पिछली रात को ही कर ली थी ! घर से चले तो अभी अंधेरा ही था, चारों तरफ सन्नाटा पसरा हुआ था, घर से निकलकर कुछ देर बाद हम मजुई चौराहे से बाएं मुड़कर बहरियाबाद जाने वाले मार्ग पर चल रहे थे, सुबह-2 इक्का-दुक्का लोग सड़क पर टहलते हुए दिखाई दिए ! कल शाम को हम इसी मार्ग से हथियाराम मठ आए थे, बहरियाबाद से रायपुर जाने वाले मार्ग पर कुछ दूर चलकर हम अपने बाएं मुड़ गए, कुछ गांवों से निकलने के बाद हम नौरसिया होते हुए लालगंज-तरवाँ मार्ग पर पहुँच गए, ये मार्ग पलहना होते हुए लालगंज के बाहर मसीरपुर बाजार में जाकर आजमगढ़-वाराणसी मार्ग पर जाकर मिल जाता है ! बहरियाबाद से नौरसिया के बीच थोड़ा खराब रास्ता मिला, बाकि सब ठीक था ! मसीरपुर बाजार से दाएं मुड़कर हम आजमगढ़-वाराणसी मार्ग पर 18 किलोमीटर चले, इस मार्ग पर सड़क विस्तारीकरण का काम जोरों पर है जिसके तहत इस राजमार्ग को अब 4 लेन का बनाया जा रहा है, इसलिए जगह-2 निर्माण सामग्री बिखरी हुई है और बीच-2 में रास्ता भी खराब है !
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लखनऊ आगरा एक्स्प्रेस-वे |
आजमगढ़-वाराणसी मार्ग पर मोहम्मदपुर से थोड़ा आगे चलकर हम फरियाँ मार्ग पर मुड़ गए, इस मार्ग पर हमें ज्यादा नहीं चलना था, बस 4 किलोमीटर चलने के बाद किशुनपुर-काशीनाथ चौराहे से बाएं मुड़ गए ! ये मार्ग फूलपुर होता हुआ आगे शाहगंज को चला जाता है, शाहगंज यहाँ से 40 किलोमीटर दूर है जबकि फूलपुर की दूरी महज 20 किलोमीटर है, ये 2 लेन राजमार्ग है लेकिन बढ़िया बना है, डिवाइडर ना होने के बावजूद गाड़ी 80-90 की रफ्तार पर आराम से चलती है ! 6 बजे हम मसीरपुर बाजार पहुंचे थे, और 7 बजे तक शाहगंज पहुँच गए, इस तरह शुरुआती 2 घंटों में हम 100 किलोमीटर चले, पहले घंटे 40 किलोमीटर और दूसरे घंटे 60 किलोमीटर ! हालांकि, रास्ता अच्छा बना था लेकिन हमारे लिए अनजान था इसलिए थोड़ा अधिक समय लगा, लेकिन अब सही रास्ता पकड़ लिया है तो उम्मीद है, गाड़ी थोड़ा रफ्तार पकड़ेगी ! शाहगंज जाकर एक चौराहे पर ये रास्ता घूमते हुए दाएं मुड़ गया, इस चौराहे से बदलापुर और जौनपुर के लिए भी रास्ता निकलता है, इसके अलावा शाहगंज रेलवे स्टेशन भी यहाँ से महज आधा किलोमीटर दूर है ! शाहगंज से सुल्तानपुर 75 किलोमीटर दूर है, पूरा मार्ग 2 लेन बना है, बीच-2 में कई रिहायशी कस्बे भी आते है लेकिन जाम की समस्या कहीं नहीं मिली ! दिल्ली से ग़ाज़ीपुर आते समय हम सुल्तानपुर से बदलापुर-जौनपुर होते हुए गए थे लेकिन वापसी में शाहगंज होते हुए जा रहे है !
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घर से निकलते समय |
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लालगंज तरवाँ मार्ग पर कहीं |
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लालगंज तरवाँ मार्ग पर एक चित्र |
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आजमगढ़ वाराणसी मार्ग |
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आजमगढ़ वाराणसी मार्ग |
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आजमगढ़ वाराणसी मार्ग - निर्माणाधीन मार्ग |
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शाहगंज से थोड़ा पहले |
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दूरियाँ दर्शाता एक बोर्ड |
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शाहगंज चौक |
सुल्तानपुर से आगे हम उसी रास्ते से जाएंगे जिससे यहाँ आए थे, इस मार्ग पर इक्का-दुक्का जगह यातायात थोड़ा धीमा मिला लेकिन कहीं भी रुकना नहीं पड़ा ! सड़क के दोनों ओर बड़े-2 पेड लगे है, जिससे सड़क पर दोपहर के समय भी अच्छी ठंडक बनी रहती है, वैसे पूर्वी उत्तर प्रदेश में अधिकतर सड़कों के किनारे आपको ऐसे बड़े-2 पेड़ लगे दिख जाएंगे ! कई बार तो मुझे इन पेड़ों की वजह से सारी सड़कें एक जैसी लगती है ! कादीपुर चौराहे को पार करके एक पेट्रोल पंप पर जाकर रुके, यहाँ गाड़ी में थोड़ा डीजल भरवा लिया, टैंक लखनऊ में फुल करवाएंगे ! कादीपुर चौराहे से एक रास्ता अकबरपुर के लिए निकलता है, जबकि दूसरा रास्ता प्रतापगढ़ को चला जाता है ! पेट्रोल पंप से चले तो सुल्तानपुर पहुँचने में हमें पौना घंटा लगा, दूरी लगभग 35 किलोमीटर थी, लेकिन सड़क थोड़ा ऊबड़-खाबड़ थी इसलिए गाड़ी को ज्यादा रफ्तार नहीं मिली ! सुल्तानपुर में गोमती नदी से थोड़ा पहले फैजाबाद-सुल्तानपुर मार्ग आकर हमारे वाले मार्ग में मिल गया ! इसी बीच अचानक सड़क पर एक गतिरोधक आया, लेकिन मुझे वो दिखा नहीं, नतीजा, गाड़ी उछल गई, जब तक हम कुछ समझ पाते, एक और गतिरोधक आया, इस पर भी गाड़ी उछल गई, गनीमत रही किसी को चोट नहीं आई, लेकिन गाड़ी में रखा सामान अस्त-व्यस्त हो गया ! तीसरा गतिरोधक आने से पहले मैंने गाड़ी धीमी कर ली और इसे गाड़ी ने आराम से पार कर लिया, यहाँ मार्ग थोड़ा संकरा है और सड़क के दोनों तरफ ढलान है, आगे थोड़ी खुली जगह देखकर रॉयल एनफील्ड के शोरूम के सामने जाकर गाड़ी रोकी और गाड़ी के अंदर बिखरा सामान व्यवस्थित किया !
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शाहगंज-कादीपुर का मार्ग |
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कादीपुर में एक चौराहा |
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पूर्वाञ्चल में अधिकतर सड़कों के दोनों ओर ऐसे घने पेड़ मिलेंगे |
यहाँ से गोमती नदी पर बना गोला घाट 2 किलोमीटर रह जाता है जबकि सुल्तानपुर का रेलवे स्टेशन यहाँ से 4 किलोमीटर दूर है, नदी पार करते ही गोला घाट के पास एक दक्षिण भारतीय मंदिर भी बना है ! पुल से लगभग 4 किलोमीटर चलने के बाद एक चौराहा आया, यहाँ से दाएं जाने वाला मार्ग लखनऊ जाता है, और सीधा जाने वाला मार्ग राय बरेली को जाता है जबकि बाएं जाने वाला मार्ग बदलापुर होते हुए जौनपुर को चला जाता है ग़ाज़ीपुर जाते हुए हम इसी मार्ग से गए थे, फिलहाल हम लखनऊ वाले मार्ग पर मुड़ गए ! सुल्तानपुर से राय बरेली की दूरी 86 किलोमीटर है और जौनपुर यहाँ से 91 किलोमीटर दूर है जबकि लखनऊ और सुल्तानपुर के बीच की दूरी 139 किलोमीटर है ! 8 बजकर 20 मिनट हो रहे थे, सुबह से अब तक हम 175 किलोमीटर चल चुके थे और अभी तक एक भी टोल प्लाजा नहीं आया था, ये हमारे लिए अच्छी बात थी ! हमारी औसत गति में भी कुछ सुधार हुआ था शाहगंज तक हम प्रति घंटा 50 किलोमीटर चले थे वहीं अब ये औसत बढ़कर 54 किलोमीटर हो गया था ! लखनऊ मार्ग पर लगभग 2 किलोमीटर चलते ही दादूपुर से टोल रोड प्रारंभ हो गया, जिसकी जानकारी एक बोर्ड पर दी गई थी, यहाँ से मार्ग भी चौड़ा होकर 4 लेन का हो गया ! बढ़िया रोड मिलते ही गाड़ी की स्पीड 100 पर पहुँच गई, हम तेजी से लखनऊ की ओर बढ़ रहे थे, इस मार्ग पर पहला बड़ा कस्बा मुसाफिरखाना आता है जबकि उससे आगे जगदीशपुर एक जंक्शन है जहां से फैजाबाद और राय बरेली के लिए मार्ग अलग होता है ! जगदीशपुर से ये तीनों शहर लगभग बराबर दूरी पर पड़ते है, फैजाबाद यहाँ से 65 किलोमीटर, राय बरेली 50 किलोमीटर और सुल्तानपुर 54 किलोमीटर दूर है !
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सुल्तानपुर-लखनऊ मार्ग - टोल रोड प्रारंभ |
दादूपुर से लगभग 12 किलोमीटर चलने के बाद असरोगा सुरजीपुर में पहला टोल प्लाजा आया, यहाँ 90 रुपए का टोल शुल्क दिया ! फास्टटैग बढ़िया से काम कर रहा था और टोल प्लाजा पर बिल्कुल भी भीड़ नहीं थी, 9 बजने में 5 मिनट बाकि थे जब ये टोल प्लाजा पार किया, टोल से निकलकर 15 मिनट मुसाफिरखाना पहुंचने में लगे और इतना ही समय आगे जगदीशपुर तक लगा ! जगदीशपुर से आगे 20 मिनट लगे और हैदरगढ़ भी पार हो गया, हैदरगढ़, जिला बाराबंकी के अंतर्गत आने वाली एक तहसील है, ये एक बड़ा कस्बा है, सड़क किनारे खूब चहल-पहल थी, यहाँ से कई जगहों के लिए रास्ता निकलता है ! फिलहाल हम जिस मार्ग पर चल रहे थे इसपर यातायात ना के बराबर है, इसलिए बार-2 ब्रेक भी नहीं लगानी पड़ती ! हाँ कोई रियाहशी कस्बा आने पर गति थोड़ा कम जरूर करनी पड़ती है लेकिन कुल मिलाकर इस मार्ग पर गाड़ी चलाने में मजा आता है ! हैदरगढ़ से 4 किलोमीटर चलने के बाद बारा में इस मार्ग का दूसरा टोल प्लाजा आया, यहाँ 85 रुपए का टोल शुल्क अदा किया, यहाँ से लखनऊ 50 किलोमीटर रह जाता है ! आगे भी खाली मार्ग मिला और साढ़े दस बजे हम गोसाईंगंज होते हुए अहमामऊ से लखनऊ में प्रवेश कर चुके थे, अहमामऊ से बाएं मुड़कर हम अमर शहीद पथ पर आ गए, इस मार्ग पर 15 किलोमीटर चलने के बाद एक तिराहा आया ! यहाँ से बाएं जाने वाला मार्ग उन्नाव होता हुआ कानपुर को चला जाता है, इस मार्ग पर इस तिराहे से 2 किलोमीटर चलकर लखनऊ का अमौसी हवाई अड्डा है जहां से देश-विदेश जाने के लिए रोजाना विमान उड़ान भरते है !
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सुल्तानपुर-लखनऊ मार्ग |
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सरोगा सुरजीपुर टोल प्लाज़ा |
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सुल्तानपुर-मुसाफिरखाना के बीच में कहीं |
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सुल्तानपुर-मुसाफिरखाना के बीच में कहीं |
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मुसाफिरखाना के पास लिया एक चित्र |
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जगदीशपुर के पास लिया एक चित्र |
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हैडेरगढ़ के पास लिया एक और चित्र |
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हैदरगढ़ से आगे लिया एक चित्र |
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हैदरगढ़ के पास लिया एक चित्र |
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बारां टोल प्लाज़ा |
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टोल प्लाज़ा पार करने के बाद एक चित्र |
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लखनऊ में अमर शहीद पथ पर लिया एक चित्र |
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लखनऊ में अमर शहीद पथ पर लिया एक चित्र |
लखनऊ-आगरा एक्स्प्रेस-वे पर जाने के लिए हमें इस तिराहे से दाएं मुड़ना था, ये कानपुर-लखनऊ मार्ग था, इस मार्ग पर 3 किलोमीटर चलने के बाद अवध चौराहा आया, इस मार्ग पर यातायात हमेशा धीमा ही चलता है ! लखनऊ मेट्रो सड़क के ऊपर बने पुल से होकर निकलती है, ग़ाज़ीपुर जाते हुए भी हमें इस मार्ग पर मेट्रो दिखाई दी थी, आज भी मेट्रो की आवाजाही लगातार जारी थी ! फिलहाल इस रास्ते पर काफी भीड़ थी, अवध चौराहे तक ऐसा ही जाम मिलेगा, ये हम गूगल मैप में देख चुके थे, इस चौराहे से लखनऊ रेलवे स्टेशन की दूरी मात्र 6 किलोमीटर है ! जब तक जाम खुलता हमने सड़क किनारे एक पेट्रोल पंप से गाड़ी का टैंक फुल करवा लिया, फिर जाम खुला तो इस चौराहे से बाएं मुड़कर हम 3 किलोमीटर चले, संकट मोचन हनुमान मंदिर के पास जाकर रास्ता 2 हिस्सों में बंट जाता है, हम अपने बाईं ओर वाले मार्ग पर मुड़ गए ! ये मार्ग शारदा कैनाल के साथ होकर निकलता है, कैनाल के साथ बने मार्ग पर भी 3 किलोमीटर चलने के बाद हम अपने बाएं मुड़कर लखनऊ-आगरा एक्स्प्रेस-वे पर पहुँच गए, समय सवा ग्यारह बज रहे थे ! इस तरह लखनऊ को पार करने में हमें लगभग पौना घंटा लग गया, अहमामऊ से इस टोल मार्ग तक 26 किलोमीटर गाड़ी चली, अब हमारी प्रति घंटा औसत चाल घटकर 53 किलोमीटर हो गई थी, उम्मीद है आगे इसमे थोड़ा सुधार जरूर होगा ! टोल मार्ग पर चढ़ने से पहले एक दुकान पर रुककर हमने कुछ फल और खाने-पीने का सामान खरीदा और साढ़े ग्यारह बजे हम इस एक्स्प्रेस-वे पर चढ़ गए !
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अवध चौराहे से पहले लिया एक चित्र |
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लखनऊ-आगरा एक्स्प्रेस-वे की ओर जाता मार्ग |
कुछ दूर चलने के बाद टोल प्लाज़ा आया, जिसे पार करने के बाद हम इस एक्स्प्रेस-वे पर लगातार 2 घंटे चलते रहे, यातायात ना के बराबर होने के कारण गाड़ी को एक बार टॉप गियर में डाल कर आराम से चलते रहे ! 200 किलोमीटर चलने के बाद इटावा के पास कठुआ में बने फूड प्लाजा पर जाकर रुके, पिछले 2 घंटे में 200 किलोमीटर चलने से हमारी औसत चाल में काफी सुधार हुआ और ये बढ़कर 63 किलोमीटर प्रति घंटा हो गई ! फूड प्लाजा पर रुककर सबने खाना खाया, फिर सवा 2 बजे यहाँ से चलकर अपना आगे का सफर जारी रखा ! एक घंटे बाद फतेहाबाद में पड़ने वाला टोल प्लाजा पार किया, यहाँ 595 रुपए टोल शुल्क का अदा किया, गाड़ी में फास्टटैग लगा होने से टोल शुल्क अकाउंट से कट जाता था, हम बस शुल्क देखने के लिए मैसेज चेक कर रहे थे ! यहाँ से आगरा मात्र 32 किलोमीटर रह जाता है, इस टोल से थोड़ा आगे बढ़ते ही आगरा के लिए बाईं ओर एक मार्ग निकल जाता है जबकि यमुना एक्स्प्रेस-वे के लिए हमें सीधे जाना था, आगरा में लखनऊ एक्स्प्रेस-वे से ताजमहल की दूरी मात्र 10 किलोमीटर है ! फतेहाबाद टोल से 33 किलोमीटर चलने के बाद ये एक्स्प्रेस-वे एक रिंग रोड पर जाकर खत्म हो गया, 10 किलोमीटर लंबा ये रिंग रोड कुबेरपुर कट के पास जाकर यमुना एक्स्प्रेस-वे में मिल जाता है, रिंग रोड पर चलने के लिए 35 रुपए का शुल्क अलग से देना पड़ा ! लगभग 21 किलोमीटर चलने के बाद यमुना एक्स्प्रेस-वे का टोल प्लाजा आया, यहाँ गाड़ियों की लंबी कतार लगी थी, टोल गेट को पार करने में 20-25 मिनट लग गए, एक्स्प्रेस-वे होने के बावजूद यहाँ फास्ट-टैग काम नहीं कर रहा था !
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लखनऊ-आगरा एक्स्प्रेस-वे |
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लखनऊ-आगरा एक्स्प्रेस-वे |
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लखनऊ-आगरा एक्स्प्रेस-वे पर पहला टोल प्लाज़ा |
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मार्ग शानदार बना है |
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एक्स्प्रेस-वे पर बना फूड प्लाज़ा |
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फूड प्लाज़ा के सामने बना पार्किंग स्थल |
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फूड प्लाज़ा के टॉयलेट |
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फूड प्लाज़ा के पास बना पार्क |
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फूड प्लाज़ा से दिखाई देता एक दृश्य |
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आगरा लखनऊ एक्स्प्रेस-वे फूड प्लाज़ा का एक दृश्य |
टप्पल के लिए 285 रुपए का टोल शुल्क दिया, यहाँ से निकलते समय मन में यही विचार आ रहे थे कि अगली बार कभी इधर आना हुआ तो आगरा से यमुना एक्स्प्रेस-वे ना लेकर पुराना वाला राजमार्ग ही पकड़ूँगा ! लेकिन जब 4 बजे टोल से चले तो आगे खाली रास्ता मिला, फिर इस मार्ग से आने का विचार सही लगा, क्योंकि आगरा-दिल्ली के पुराने राजमार्ग पर पड़ने वाले दोनों टोल प्लाजा पर मिलाकर इससे दुगुना समय लगता है ! खाली रास्ता मिल तो गाड़ी 100-110 पर चलती रही, इस एक्स्प्रेस-वे पर गाड़ी चलाने की अधिकतम गति 120 किलोमीटर प्रति घंटा है ! शाम 5 बजकर 5 मिनट पर हम टप्पल पहुँच गए, इस तरह लगभग घंटे भर में हमने 112 किलोमीटर की दूरी तय कर ली ! यहाँ से यमुना पुल पहुँचने में हमें 10 मिनट लगे, लेकिन पुल पर भयंकर जाम लगा था, पुल के उस पार रोड भी संकरा था, इसलिए ट्रकों और गाड़ियों का जाम लगा था, शाम का समय होने के कारण आस-पास के गांवों के लोग भी जाम में फंसे थे ! इस जाम से निकलने में ही आधे घंटे से ज्यादा समय लग गया और घर पहुंचे तो शाम के 6 बज चुके थे ! गाड़ी का मीटर चेक किया तो पता चला आज कुल 790 किलोमीटर गाड़ी चली और ये दूरी हमने 12 घंटे में पूरी की, एक घंटे का लंच ब्रेक मैंने इसमें नहीं जोड़ा ! तो इस तरह आज के सफर में हमारी औसत चाल 66 किलोमीटर प्रति घंटा रही ! दोस्तों इसी के साथ पूर्वाञ्चल के इस सफर को खत्म करते है, जल्द ही आपसे एक नए सफर पर फिर मुलाकात होगी !
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फतेहाबाद टोल प्लाज़ा |
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आगरा में बना एक्स्प्रेस वे लिंक रोड पर टोल प्लाज़ा |
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यमुना एक्स्प्रेस-वे टोल प्लाज़ा पर लगा जाम |
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यमुना एक्स्प्रेस वे का एक नजारा |
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यमुना एक्स्प्रेस-वे का एक दृश्य |
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टप्पल में यमुना एक्स्प्रेस-वे से उतरते हुए |
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टप्पल के पास सीएनजी के लिए लगी लाइन |
समाप्त...
पूर्वाञ्चल यात्रा
- पूर्वाञ्चल सड़क यात्रा – दिल्ली से ग़ाज़ीपुर (Poorvanchal Road Trip – Delhi to Ghazipur)
- ग़ाज़ीपुर के सादात में स्थानीय भ्रमण (Local Sight Seen in Sadat)
- मार्कन्डेय महादेव मंदिर की यात्रा (A Trip to Markandey Mahadev Temple, Kaithi)
- ग़ाज़ीपुर का प्रसिद्ध हथियाराम मठ (A Visit to Hathiyaram Math, Ghazipur)
- पूर्वाञ्चल सड़क यात्रा - ग़ाज़ीपुर से दिल्ली (Poorvanchal Road Trip – Ghazipur to Delhi)