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यात्रा के इस लेख में मैं आपको फरीदाबाद की एक ऐसी झील के बारे में बताऊँगा जो अरावली पर्वत के बीच पहाड़ों के अवैध खनन से बनी है ! सैकड़ों फुट गहरी इस झील का पानी नीले रंग का दिखाई देता है और यही आकर्षण युवाओं को अपनी ओर आने को बाध्य करता है ! घूमने-फिरने आने वाले बहुत से लोग नहाने के लिए इस झील में उतरते है और पानी के नीचे खड़ी चट्टानों के बीच या गहरी खाई में फँसकर अपनी जान गंवा देते है ! प्रशासन ने अपने स्तर पर लोगों को जागरूक करने के लिए कई मुहिम चलाए, जगह-2 बोर्ड लगाकर लोगों को इधर ना जाने की हिदायतें भी दी, स्थानीय लोग भी लोगों को झील में उतरने से मना करते है लेकिन फिर भी बहुत से युवा इधर जाने से नहीं चूकते ! हालत ये है कि हर 5-6 महीने में इस झील में किसी के डूबकर मरने की खबर अखबार की सुर्खियां बन ही जाती है, हालांकि, इस झील में डूबकर मरने वाले लोगों की संख्या का कोई पुख्ता आंकड़ा तो नहीं है लेकिन फिर भी स्थानीय लोगों के अनुसार अब तक सैकड़ों लोग इस झील की भेंट चढ़ चुके है, इसलिए इसे डेथ वैली के नाम से भी जाना जाता है ! वैसे अलग-2 घटनाओं में लोगों के डूबने का कारण भी अलग-2 ही रहता है, कोई फोटो खींचते हुए फिसलकर झील में गिर गया तो कोई अपने साथी को बचाने के चक्कर में अपनी जान गंवा बैठा, कुछ लोग नशा करके भी झील में नहाने उतरते है जो उनके लिए जानलेवा साबित होता है !
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डेथ वैली का एक नजारा |
चलिए आगे बढ़ने से पहले इस झील के बारे में थोड़ा जानकारी दे देता हूँ, प्राप्त जानकारी के अनुसार इस अप्राकृतिक झील की उत्पत्ति अरावली की पहाड़ियों में अवैध खनन से हुई है ! 90 के दशक में यहाँ खनन जोरों पर था, जो काफी लंबे समय तक जारी रहा, बाद में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद अरावली पर्वत में खनन पर प्रतिबंध लगा दिया गया ! लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी, हरियाणा और राजस्थान में फैले अरावली पर्वत श्रंखला का एक बड़ा भाग इस खनन की भेंट चढ़ चुका था ! फरीदाबाद की ये खूनी झील इसी अवैध खनन की ही देन है, और इस खनन से फरीदाबाद में बनी ये अकेली झील नहीं है बल्कि छोटी-बड़ी यहाँ ऐसी दर्जनों झीलें है, लेकिन इन सभी झीलों में से ये झील थोड़ा अलग है ! चारों तरफ ऊंची-2 पहाड़ियों से घिरी होने के कारण बारिश का पानी यहाँ जमा हो जाता है कुछ लोग ये भी कहते है कि इस झील में पानी पहाड़ों के खनन के बाद जमीन से निकला है ! इस भू-भाग में पथरीली जमीन होने के कारण ये पानी कभी सूखता नहीं है, पथरीली जमीन होने से भी इस झील का पानी शीशे की तरफ साफ दिखाई देता है ! इस क्षेत्र में बाकि झीलों में किसी का पानी गंदा है तो कोई छोटी है, लेकिन ये डेथ वैली और भारद्वाज झील है जिनका पानी एकदम नीला है !
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झील तक जाने का मार्ग |
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रास्ते में दिखाई देता विशाल बरगद का पेड़ |
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ऐसे पथरीले रास्ते है |
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रास्ते में पड़ी एक खराब मशीन |
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मुख्य मार्ग से हटकर पैदल मार्ग |
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दूर से दिखाई देती डेथ वैली |
लोग इन्हीं दो झीलों पर सबसे ज्यादा जाते है और मौका मिलते ही नहाने के लिए झील में उतर जाते है ! हालांकि, झील पर जाने पर पूर्ण प्रतिबंध तो नहीं है लेकिन लोगों को जागरूक करने के लिए प्रशासन की ओर से समय-2 पर झील की ओर जाने वाले मार्ग पर सूचना संबंधी बोर्ड लगाए जाते रहे है, लेकिन शरारती तत्व अक्सर इन बोर्ड को भी तोड़ देते है ! ये झीलें सूरजकुंड रोड से 2-3 किलोमीटर दूर अंदर जंगल में है, सारा रास्ता घने जंगल से होकर निकलता है, रास्ता जगह-2 टूटा भी हुआ है और इस मार्ग पर शाम के समय या अकेले होने पर अक्सर लूटपाट की घटनाएं भी हो जाती है ! लूटपाट करने वाले स्थानीय लोग ही है जो बेरोजगार है और उन्हें लूटपाट ही पैसा कमाने का सबसे आसान तरीका लगता है ! ये लोग अक्सर झील के आस-पास के इलाकों में घूमते रहते है, और इस क्षेत्र में इनका ग्रुप रहता है ! किसी को अकेला पाकर या अंधेरा होने पर ये डरा-धमकाकर या चाकू की नोक पर लूटपाट भी कर लेते है ! बहुत लोगों ने इस बाबत शिकायतें की है, फिर भी इन लूटपाट करने वालों को शायद किसी का खौफ नहीं ! कुछ स्थानीय लोग यहाँ आने वाले लोगों से झील पर जाने के लिए अवैध वसूली तक करते है, लोग भी जानकारी के अभाव में इन्हें पैसे दे देते है ! झील के पास खड़े वाहनों में तोड़-फोड़ और पेट्रोल चोरी तो इनके लिए आम बात है, और अक्सर यहाँ आने वाले लोगों के साथ इस तरह की घटनाएं होती रहती है क्योंकि झील काफी नीचाई पर है और वहाँ से ऊपर खड़े वाहन दिखाई नहीं देते !
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दूर से दिखाई देती झील |
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दूर से दिखाई देती झील |
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डेथ वैली का एक नजारा |
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डेथ वैली का एक और नजारा |
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झील का नीला पानी |
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झील का एक और नजारा |
एक-दो बार तो इस झील में मर्डर तक हुए है, जिसकी खबरें तब स्थानीय अखबारों की सुर्खियां बन गई थी ! झील तक जाने का एक कच्चा मार्ग सूरजकुंड रोड पर मॉडर्न विद्या निकेतन के सामने से निकलता है, सूरजकुंड रोड से इस झील की दूरी लगभग 2.5 किलोमीटर है ! अरावली का ये क्षेत्र घने जंगलों के बीच स्थित है, बंदर, लंगूर, सांप और सियार दिखना तो यहाँ आम बात है इसके अलावा अरावली के इस घने जंगल में जंगली सूअर और तेंदुओं के होने की संभावना से भी नकारा नहीं जा सकता ! झील के सामने एक बहुत विशाल बरगद का पेड़ है जो बहुत डरावना लगता है, इस लेख का उद्देश्य लोगों को इस झील पर होने वाली घटनाओं से अवगत कराना है, और ये लेख किसी को भी इस खूनी झील की तरफ जाने की सलाह नहीं देता ! अवैध रूप से तो लोगों का इस झील पर जाना बदस्तूर जारी है, लेकिन अगर प्रशासन निकट भविष्य में लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस झील को पर्यटन के रूप में विकसित करता है तो अधिक लोग इस झील की सुंदरता को देख सकेंगे ! चलिए, इस लेख में फिलहाल इतना ही, जल्द ही आपसे एक नए सफर पर फिर मुलाकात होगी !
फरीदाबाद यात्रा