फरीदाबाद का त्रिवेणी हनुमान मंदिर (Highest Statue of Lord Hanuman)

रविवार, 11 जुलाई 2021

यात्रा के इस लेख में मैं आपको फरीदाबाद के त्रिवेणी हनुमान मंदिर लेकर चलूँगा, वैसे तो फरीदाबाद में घूमने के लिए काफी जगहें है जैसे सूरजकुंड झील, नाहर सिंह पैलेस, रानी की छतरी, नाहर सिंह स्टेडियम, हरि पर्बत, परसोन मंदिर, रोज़ गार्डन, टाउन पार्क, साईं मंदिर, शनि मंदिर, सूरजकुंड क्राफ्ट मेला, डेथ वैली और भी बहुत कुछ, ये लिस्ट बहुत लंबी है ! लेकिन फरीदाबाद-गुड़गाँव मार्ग पर स्थित त्रिवेणी हनुमान मंदिर पिछले कुछ वर्षों में फरीदाबाद के एक प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल के रूप में तेजी से उभरा है ! हालांकि, यहाँ स्थित ये मंदिर काफी पुराना है लेकिन मंदिर के पास 2 साल पहले बनकर तैयार हुई हनुमान जी की मूर्ति के बाद ये मंदिर लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ है ! आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि हनुमान जी की बैठी हुई मुद्रा में ये भारत की सबसे बड़ी प्रतिमा है इसकी ऊंचाई 108 फुट है ! इस प्रतिमा का निर्माण कार्य 2011 में शुरू हुआ था और 9 वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद 2019 में ये बनकर तैयार हुई ! हालांकि, इस बीच कुछ समय निर्माण कार्य बंद भी रहा, लेकिन अंतत जब ये बनकर तैयार हुआ तो फरीदाबाद में आकर्षण का मुख्य केंद्र बन गया है ! फरीदाबाद के अलावा दिल्ली, गुड़गाँव और अन्य शहरों से भी लोग इसे देखने के लिए आते है ! हालांकि, मैं कई वर्षों तक रोजाना अपने ऑफिस जाते हुए इस मंदिर के सामने से निकला, लेकिन तब निर्माण कार्य चल रहा था तो मेरा यहाँ कभी रुकना नहीं हुआ, और अब मौका मिला तो मैं अपने घर से कई किलोमीटर चलकर सिर्फ ये मंदिर देखने के लिए इस मार्ग पर गया !

Triveni Hanuman Temple
त्रिवेणी हनुमान मंदिर में बनी प्रतिमा
त्रिवेणी हनुमान मंदिर की यात्रा का संयोग कुछ इस तरह बना कि एक रविवार को मैं घर पर बैठा बागबानी में व्यस्त था कि तभी मन में विचार आया, क्यों ना आज त्रिवेणी हनुमान मंदिर चला जाए ! अभी हाल ही में मैंने इंटरनेट पर हनुमान जी की इस विशाल प्रतिमा का फोटो देखा था, तभी से मन में था कि किसी दिन समय निकालकर जरूर इस मंदिर को देखने जाऊंगा ! कुछ देर में अपना काम खत्म करके मैं मंदिर जाने के लिए तैयार हो गया, ज्यादा समय गँवाए बिना मैं अपनी गाड़ी लेकर मंदिर के लिए निकल पड़ा ! फरीदाबाद स्थित मेरे घर से इस मंदिर की दूरी मात्र 15 किलोमीटर है, बढ़िया मार्ग बना है लेकिन सड़क पर यातायात की वजह से ये दूरी तय करने में ही आधे घंटे का समय लग जाता है ! आज रविवार का दिन होने के कारण रास्ते में कहीं भीड़ नहीं मिली और मैं 15 मिनट में ही मंदिर पहुँच गया ! आपकी जनाकारी के लिए बता दूँ कि फरीदाबाद-गुड़गाँव मार्ग पर स्थित ये मंदिर फरीदाबाद स्थित सैनिक कालोनी से गुड़गाँव मार्ग पर चढ़ते ही कुछ दूरी पर है ! ये मार्ग दोनों ओर अरावली पर्वत से घिरा हुआ है, फरीदाबाद से इस मार्ग पर चढ़ते ही शुरुआत में थोड़ी चढ़ाई है, कुछ दूर चलते ही एक मोड से हनुमान जी की केसरी रंग की ये विशाल प्रतिमा दिखाई देने लगती है ! गुड़गाँव जाने वाले लोग अक्सर इस मार्ग से निकलते हुए मंदिर के सामने रुक ही जाते है, आपको ऐसे बहुत से दैनिक यात्री सुबह-शाम मंदिर परिसर में मिल जाएंगे !
Sector 64 Faridabad
घर से निकलते समय लिया एक चित्र

Khurana Properties Sign Board
सेक्टर 64 फरीदाबाद का एक दृश्य

mohna road ballabgarh
मोहना रोड पर लिया एक चित्र

mujesar metro flyover
एस्कॉर्ट मुजेसर मेट्रो के पास लिया एक चित्र

escorts mujesar metro station
दूरी और दिशा दर्शाता एक बोर्ड

bata flyover
रास्ते में लिया एक और चित्र

neelam bk road
नीलम चौक से बीके चौक की ओर जाते हुए लिया एक चित्र

bk metro road
बीके चौक से मेट्रो की ओर जाते हुए लिया एक चित्र

metro NIT road
मेट्रो मोड से गुड़गाँव जाने का मार्ग

badkhal pali road
बड़खल पाली मार्ग का एक दृश्य

faridabad gurgaon toll road
फरीदाबाद गुड़गाँव टोल रोड 

toll road faridabad
दूर से दिखाई देती हनुमान जी की प्रतिमा

FG road
हनुमान जी की प्रतिमा का एक और दृश्य

गाड़ी मंदिर के बाहर सड़क किनारे खड़ी करके मैं मंदिर के प्रवेश द्वार पर पहुंचा, द्वार के ठीक ऊपर एक घंटा लगा है ! सीढ़ियों से होते हुए मैं मंदिर परिसर में दाखिल हुआ, प्रवेश द्वार की सीढ़ियाँ जाकर एक बरामदे में खुलती है जहां नौ ग्रहों की मूर्तियाँ स्थापित की गई है, इस बरामदे के दोनों ओर कक्ष बने है, जहां शनिदेव और हनुमान जी की मूर्तियां स्थापित है ! इन दोनों कक्षों में जाने का मार्ग इस बरमदे से भी है और बाहर सड़क किनारे से भी है ! नौ ग्रहों के दर्शन करके मैंने बारी-2 से हनुमान जी और शनिदेव के दर्शन भी किए ! बरामदे से निकलकर आगे बढ़ा तो सामने बाबा तेजराम दास का समाधि स्थल बना है जो उनके पुत्रों ने उनकी स्मृति में यहाँ 2005 में बनवाया था ! बाबा तेजराम का इस मंदिर को बनाने में बाद योगदान है तभी यहाँ उनका समाधि स्थल बनाया गया है ! कहते है किसी समय इस मार्ग पर बहुत सड़क दुर्घटनाएं होती थी, इन दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के लिए बाबा तेजराम के नेतृत्व में 1976 में यहाँ इस मंदिर की नींव रखी गई, माना जाता है कि मंदिर निर्माण के बाद दुर्घटनाएं थोड़ा कम हो गई ! शुरुआत में ये मंदिर छोटा था लेकिन समय के साथ इसका विस्तार होता रहा ! कुछ सीढ़ियाँ चढ़कर मैं फिर से समाधि स्थल के पीछे बने भवन में पहुँचा, यहाँ बरामदे में एक किनारे शिवलिंग स्थापित है, काले पत्थर को तराश कर बढ़िया शिवलिंग बनाया गया है, जिसके ऊपर तांबे से बने एक नाग देवता भी विराजमान है, शिवलिंग के चारों तरफ कुछ अन्य देवताओं और नंदी की मूर्ति भी स्थापित है !

Triveni hanuman mandir
त्रिवेणी हनुमान मंदिर में बनी प्रतिमा

triveni hanuman temple faridabad
मंदिर के बाहर का दृश्य

shani temple FG road
शनि मंदिर का प्रवेश द्वार

nav grah temple
नव ग्रह देवताओं की प्रतिमा

hanuman temple fg road
मंदिर में स्थापित हनुमान जी की प्रतिमा

shani temple fg road
मंदिर में स्थापित शनि देव की प्रतिमा

baba tejram samaadhi
बाबा तेजराम दास का समाधि स्थल

मंदिर परिसर से दिखाई देती हनुमान जी की प्रतिमा

बरामदे के सामने तीन कक्ष बने है पहले कक्ष में माता शेरावाली की मूर्ति स्थापित है जबकि दूसरे कक्ष में हनुमान जी विराजमान है, तीसरे कक्ष की शोभा भगवान शिव और माता पार्वती बढ़ा रहे है ! मैं इन सभी कक्षों में बारी-2 से दर्शन करने गया और फिर शिवलिंग पर जल चढ़ाने के बाद मंदिर परिसर से बाहर आ गया ! समाधि स्थल के पास से एक मार्ग हनुमान जी की विशाल प्रतिमा की ओर जाता है जबकि एक मार्ग मंदिर परिसर से बाहर सड़क किनारे से है जहां इस विशाल मूर्ति तक जाने के लिए चौड़ी सीढ़ियाँ बनी है ! हनुमान जी की मूर्ति एक बड़े चबूतरे पर बनाई गई है जिसके चारों ओर एक परिक्रमा मार्ग बनाया गया है ! हनुमान जी के दर्शन करने के बाद भक्तजन इस मार्ग पर परिक्रमा करते है, इस चबूतरे से दूर तक फैली अरावली पर्वतमाला का विहंगम दृश्य दिखाई देती है, अरावली की पहाड़ी के बीच से गुजरता गुड़गाँव-फरीदाबाद मार्ग भी यहाँ से बहुत शानदार दिखाई देता है ! हनुमान जी को समर्पित इस मंदिर में मंगलवार के दिन अन्य दिनों के मुकाबले थोड़ा ज्यादा भीड़ रहती है, लेकिन फिलहाल कोरोना काल में इतनी मारा-मारी नहीं है ! इस मूर्ति का निर्माण राजस्थान के कुछ कुशल कारीगरों ने किया था, मूर्तिकार ने हनुमान जी की गदा पर अपना नाम भी लिख दिया है, ताकि लोग इस खूबसूरत कलाकृति को निहारते हुए कलाकार को भी याद कर सके ! परिक्रमा मार्ग पर लाल पत्थर की जालियाँ लगी है, और इन जालियों के कोनों पर गुंबद बने है, जो परिक्रमा मार्ग की सुंदरता को बढ़ाते है !

मंदिर परिसर का एक दृश्य

sheravali temple faridabad
मंदिर में स्थापित माता शेरावाली

hanuman temple faridabad
मंदिर में स्थापित हनुमान जी

shiv temple faridabad
मंदिर में स्थापित शिव परिवार का एक दृश्य

shivling in faridabad
मंदिर में स्थापित एक शिवलिंग

मंदिर के प्रवेश द्वार पर लगी घंटी

सड़क से दिखाई देता मंदिर का एक दृश्य

highest statue of hanuman
सड़क से दिखाई देती हनुमान जी की प्रतिमा

hanuman ji highest temple
मूर्ति तक जाने के लिए बनी सीढ़ियाँ

मूर्ति के चारों ओर बना परिक्रमा मार्ग

परिक्रमा मार्ग का एक और दृश्य

faridabad gurgaon road in aravali
चबूतरे से दिखाई देता फरीदाबाद-गुड़गाँव मार्ग

परिक्रमा मार्ग से दिखाई देता चबूतरा

इन जालियों और गुंबदों का निर्माण बड़े-2 पत्थरों को तराश कर किया गया है, चबूतरे और परिक्रमा मार्ग पर भी लाल पत्थर बिछाए गए है ! अगर मौसम अच्छा हो तो आप यहाँ घंटों बैठकर प्रकृति की सुंदरता को निहार सकते है, लेकिन फिलहाल तो यहाँ बहुत गर्मी थी इसलिए मुझे अब चलना होगा ! जितनी तेजी से ये मंदिर लोगों के बीच दर्शनीय स्थल के रूप में उभरा है, मुझे लगता है प्रशासन को मंदिर के आस-पास लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कुछ मूलभूत सुविधाओं पर काम करना चाहिए ! इससे ना केवल लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी बल्कि पर्यटन की दृष्टि से भी ये काफी महत्वपूर्ण होगा ! गुड़गाँव से फरीदाबाद आते समय मंदिर के पास तीव्र मोड और ढलान है जिसकी वजह से गाड़ियां बहुत तेजी से आती है, इसलिए गाड़ी खड़ी करते समय या निकालते समय विशेष ध्यान रखिए ! मंदिर के सामने वाला मार्ग फरीदाबाद को गुड़गाँव से जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है और इस पर रोजाना हजारों गाड़ियां दौड़ती है ! गुड़गाँव की ओर से आते हुए गाड़ियां बहुत तेजी से मंदिर के सामने से गुजरती है और कई बार मंदिर के सामने गाड़ियों की कतार लग जाती है जिससे दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है ! मंदिर के सामने या आस-पास थोड़ी दूर कहीं भी पार्किंग की व्यवस्था की जा सकती है इसके अलावा, मंदिर के प्रवेश द्वार के सामने सड़क किनारे रेलिंग लगा देने से भी लोगों को बड़ी सहूलियत रहेगी !

परिक्रमा मार्ग के दोनों ओर लगी पत्थर की जालियाँ

परिक्रमा मार्ग पर लगे पत्थर के गुंबद 

गुड़गाँव फरीदाबाद मार्ग का एक दृश्य

मंदिर से वापिस आते हुए

रेलिंग ना होने से तेज रफ्तार गाड़ियां कभी भी अनियंत्रित होकर सड़क से मंदिर के फुटपाथ पर आ सकती है, जिससे कोई भी अप्रिय घटना हो सकती है ! ऐसे और भी कई सुझाव है जो यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं से लिए जा सकते है ! कुछ देर यहाँ बिताने के बाद मैं चबूतरे से उतरकर नीचे आ गया, जब मैं यहाँ से निकल रहा था तो काफी लोग मंदिर में दर्शन के लिए आ चुके थे ! चलिए, अब मैं अपने अगले गंतव्य की ओर जा रहा हूँ, जल्द ही आपसे फिर किसी यात्रा पर मुलाकात होगी !

फरीदाबाद यात्रा

Pradeep Chauhan

घूमने का शौक आख़िर किसे नहीं होता, अक्सर लोग छुट्टियाँ मिलते ही कहीं ना कहीं घूमने जाने का विचार बनाने लगते है ! पर कुछ लोग समय के अभाव में तो कुछ लोग जानकारी के अभाव में बहुत सी अनछूई जगहें देखने से वंचित रह जाते है ! एक बार घूमते हुए ऐसे ही मन में विचार आया कि क्यूँ ना मैं अपने यात्रा अनुभव लोगों से साझा करूँ ! बस उसी दिन से अपने यात्रा विवरण को शब्दों के माध्यम से सहेजने में लगा हूँ ! घूमने जाने की इच्छा तो हमेशा रहती है, इसलिए अपनी व्यस्त ज़िंदगी से जैसे भी बन पड़ता है थोड़ा समय निकाल कर कहीं घूमने चला जाता हूँ ! फिलहाल मैं गुड़गाँव में एक निजी कंपनी में कार्यरत हूँ !

4 Comments

  1. हैलो प्रदीप जी, मैं भी फरीदाबाद में ही रहता हूं और आपकी तरह घूमने का शौक भी रखता हूं. मैं भी blog शुरू कर रहा हूं यात्रा वृतांत लिखूँगा मगर शैली कुछ अलग है. आपसे कुछ ज्ञान चाहता हूं. आपसे कब बात कर सकता हूँ. ?

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  2. नमस्कार प्रदीप जी , कुछ दिन पहले मुझे भी हनुमान जी के इस मंदिर में जाने का सौभाग्य मिला था लेकिन आपका ये ब्लॉग पढ़कर ऐसा लग रहा है जैसे मैं खुद आपके शब्दों पे सवार होकर दुबारा मंदिर घूम रहा हूँ। ...एक और चीज मैं जोड़ना चाहूंगा जो शायद आप न देख पाए होंगे। ... जिस भवन में नवग्रह मंदिर है उसके तीसरे मंजिल के छत पे एक कमरा है। ..उस कमरे को केवल कबूतरों के लिए बनाया गया है। ..जब मैं उसमे गया तो सैकड़ों कबूतर फड़फड़ाने लगे। सबके लिए लकड़ी के दरबे बने हुए हैं , कुछ में अंडे थे कुछ में छोटे छोटे बच्चे। मंदिर परिसर में 5-6 हंस भी थे उनकी अटखेलियां मंनोहक थी। कुछ दिन पहले मुझे भी हनुमान जी के इस मंदिर में जाने का सौभाग्य मिला था लेकिन आपका ये ब्लॉग पढ़कर ऐसा लग रहा है जैसे मैं खुद आपके शब्दों पे सवार होकर दुबारा मंदिर घूम रहा हूँ। ...एक और चीज मैं जोड़ना चाहूंगा जो शायद आप न देख पाए होंगे। ... जिस भवन में नवग्रह मंदिर है उसके तीसरे मंजिल के छत पे एक कमरा है। ..उस कमरे को केवल कबूतरों के लिए बनाया गया है। ..जब मैं उसमे गया तो सैकड़ों कबूतर फड़फड़ाने लगे। सबके लिए लकड़ी के दरबे बने हुए हैं , कुछ में अंडे थे कुछ में छोटे छोटे बच्चे। मंदिर परिसर में 5-6 हंस भी थे उनकी अटखेलियां मंनोहक थी।

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  3. जी धन्यवाद !

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