वीरवार, 01 मार्च 2018
हमारा रानीखेत जाने का विचार एकदम से ही बना था, हुआ कुछ यूं कि शादी की सालगिरह के अवसर पर परिवार संग किसी यात्रा पर जाने का मन हुआ ! वैसे भी किसी पारिवारिक यात्रा पर गए हुए काफी समय हो गया था और फिर सालगिरह से अच्छा मौका क्या हो सकता था ? इसी बहाने परिवार संग शहर की भीड़-भाड़ से दूर पहाड़ों पर सुकून के कुछ पल बिताने का मौका भी मिल जायेगा, और रोजमर्रा की दिनचर्या से भी कुछ राहत मिल जाएगी ! मार्च के प्रथम सप्ताह में होली के अवसर पर छुट्टी के 3 दिन मिल रहे थे, 1 दिन की छुट्टी लेकर 4 दिन के लिए किसी लम्बी यात्रा पर जाया जा सकता था ! बस फिर क्या था, एक छुट्टी लेकर रानीखेत जाने की यात्रा की योजना बना ली, सोचा, इस बार की होली पहाड़ों पर ही मनाई जाए ! निर्धारित दिन हम समय से तैयार होकर सुबह सवा 5 बजे अपनी गाडी लेकर इस यात्रा के लिए घर से निकल पड़े ! रास्ते में एक जगह रूककर गाडी में पेट्रोल और सीएनजी की टंकी भी भरवा ली, सुबह का समय होने के कारण नोयडा तक खाली मार्ग मिला, नतीजन पौने 7 बजे तक हम नोयडा पार करते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग 24 पर जा चढ़े,! इस मार्ग पर आए 3 साल से अधिक का समय हो गया था, मुझे उम्मीद थी कि इतनी सुबह यहाँ ज्यादा जाम नहीं मिलेगा, लेकिन मेरा अंदाजा गलत था !
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कालाढूंगी का कॉर्बेट वाटर फाल |