ज़हरिखाल में रात को अच्छी-ख़ासी ठंड थी, गनीमत थी कि कमरे में कंबल रखे थे ! सुबह अलार्म बजने पर सोकर उठे, खिड़की से बाहर झाँककर देखा तो अभी अंधेरा ही था ! एक नज़र सड़क के उस पार होटल के बोर्ड पर भी दौड़ाई जहाँ पिछले साल तेंदुआ आया था, शुक्र है अभी वहाँ कोई नहीं था ! फोन चार्जिंग में लगाने के बाद सब बारी-2 से नित्य क्रम में लग गए, थोड़ी देर में रोशनी हुई तो मैं और शशांक नीचे सड़क पर टहलने आ गए ! 10-15 मिनट बाद वापिस ऊपर गए और अगले एक घंटे में हम दोनों नहा-धोकर तैयार हो चुके थे ! हितेश देरी से सोकर उठा था इसलिए अभी तैयार होने में लगा था ! हम दोनों खाली बैठे थे तो बरामदे में आकर वहीं रखी एक गुलेल से दूर दिखाई दे रहे एक खंबे पर निशाना लगाने लगे ! फिर चाय पीकर होटल का बिल चुकाने के बाद सवा सात बजे तक हम तीनों होटल से निकलकर लैंसडाउन के लिए प्रस्थान कर चुके थे ! ज़हरिखाल से लैंसडाउन में प्रवेश करते ही 100 रुपए का प्रवेश शुल्क अदा किया, ये शुल्क प्रतिदिन देना होता है, मतलब एक दिन में अगर आपने एक बार शुल्क दे दिया तो आप दिनभर अनगिनत बार आ-जा सकते हो, लेकिन अगले दिन आपको फिर से ये शुल्क अदा करना होगा !
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ताड़केश्वर महादेव मंदिर का प्रवेश द्वार (Tarkeshwar Mahadev Temple, Lansdowne) |