नैनीताल का मुख्य आकर्षण नैनी झील (Boating in Naini Lake, Nainital)

रविवार, 02 नवंबर 2014 

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यात्रा के पिछले लेख में आपने भीमताल के बारे में पढ़ा, अब आगे, रात्रि भोजन के बाद हम भीमताल से वापिस अपने होटल पहुँचे ! अगले दिन की यात्रा पर चर्चा करने के बाद हम समय से आराम करने चले गए, सुबह आराम से सोकर उठे ! आज की सुबह हमारे लिए थोड़ी अलग थी क्योंकि आज हम घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर एक पहाड़ी क्षेत्र में थे, आज सुबह रोज की तरह उठकर दफ़्तर जाने की मारा-मारी नहीं थी, आज तो सुकून के कुछ पल बिताने का दिन था ! इस यात्रा में हमारे होटल से सबसे अधिक दूर नैनीताल ही था इसलिए हम सबसे पहले नैनीताल ही घूमना चाहते थे क्योंकि आस-पास की जगह तो हम लोग होटल में रहते हुए सुबह-शाम भी घूम सकते थे पर नैनीताल घूमने के लिए तो एक पूरा दिन लगने वाला था ! उठने के बाद नित्य-क्रम से निवृत होकर हम लोग नाश्ता करने के लिए अपने होटल के मुख्य हाल में पहुँच गए ! सभी मेहमानों के खाने-पीने की व्यवस्था इसी हाल में थी ! अक्सर, होटलों में खाने-पीने के लिए एक सार्वजनिक हाल रखा जाता है, इसके दो फ़ायदे होते है एक तो होटल के संचालक को हर कमरे में अलग-2 जाकर खाना परोसने की व्यवस्था नहीं करनी पड़ती और दूसरा होटल में रुकने वाले पर्यटकों को एक-दूसरे को जानने का अवसर मिलता है ! 

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भीम ताल (A view of Bheemtaal Lake)
यहाँ का खाना ज़्यादा अच्छा तो नहीं, पर ठीक-ठाक था, नाश्ता करने के बाद हम वापिस अपने कमरे में आ गए ! नैनीताल घूमने जाने के लिए सारा समान लेकर जाने की ज़रूरत नहीं थी इसलिए हमने अपने साथ ले जाने का ज़रूरी सामान एक बैग में रखा और नैनीताल के लिए निकल पड़े ! अपने होटल से निकलकर जब हम भीमताल पहुँचे तो थोड़ी देर के लिए झील के किनारे रुककर वहाँ की ठंडक का आनंद लिया और फिर अपनी आगे की यात्रा जारी रखी ! भीमताल झील के किनारे से होते हुए हम लोग मुख्य मार्ग पर सीधे बढ़ गए, ये मार्ग भुवालि होते हुए नैनीताल को जाता है ! यहाँ से बाईं ओर जाने वाला मार्ग हल्द्वानि को चला जाता है, ये वही रास्ता था जिस से हम लोग कल यहाँ आए थे ! नौकूचियाताल से नैनीताल जाने वाले मार्ग पर 6 किलोमीटर चलने के बाद बाईं ओर से एक रास्ता सातताल को जाता है जबकि सीधे जाने वाला मार्ग नैनीताल ! आज हम नैनीताल जा रहे थे इसलिए इस मार्ग पर सीधे हो लिए, सोचा सातताल, नैनीताल से वापिस आते हुए या अगले दिन घूम लिया जाएगा ! रास्ते में सड़क के दोनों ओर जगह-2 होटल बने हुए थे, सुना है कि गर्मियों में ये सारे होटल पर्यटकों से भर जाते है !

थोड़ी देर बाद हम लोग एक भीड़-भाड़ वाले कस्बे में पहुँच गए, सड़क के किनारे लगे एक दिशा-सूचक से मालूम चला कि ये भुवालि का मुख्य बाज़ार था ! इस बाज़ार के मध्य में जाकर एक तिराहा आता है, जहाँ से दाएँ जाने वाला मार्ग तो अल्मोड़ा जाता है जबकि बाईं ओर का मार्ग नैनीताल जाता है ! हमने बाईं ओर वाले मार्ग पर नैनीताल के लिए अपना सफ़र जारी रखा ! रास्ते में कई घुमावदार मोड़ आए, कई जगह तो सड़क के किनारे घाटी में छोटे-2 गाँव भी बसे हुए थे ! सड़क से देखने में तो ये गाँव बहुत सुंदर लगते है पर यहाँ का जीवन बड़ा ही कठिन होता है, हर छोटी-बड़ी चीज़ के लिए आपको बाज़ार का रुख़ करना पड़ता है ! एक कस्बे से दूसरे कस्बे तक जाने के लिए वैसे तो बसें और जीप चलती है पर स्थानीय लोग पहाड़ों पर से होते हुए छोटे रास्तों का प्रयोग करते है ! वैसे कितनी अजीब बात है कि शहरों में रहते हुए लोग इन गाँव की ज़िंदगी के लिए तरसते है और गाँव के लोग शहरों की चकाचौंध की ओर आकर्षित होते है ! गाँवों से शहरों की ओर पलायन निरंतर जारी है, हर किसी को दूसरे का जीवन ज़्यादा अच्छा लगता है !

इस रास्ते पर जहाँ भी कहीं खूबसूरत नज़ारे दिखाई देते हम लोग झट से अपनी गाड़ी रोक कर थोड़ी देर वहाँ की खूबसूरती का आनंद लेते ! ऐसी यात्राओं पर अपनी गाड़ी लाने का ये सुख तो रहता है कि रास्ते में जहाँ मन चाहे आप अपनी गाड़ी रोक सकते है, क्योंकि पहाड़ों पर तो हर मोड़ पर एक से बढ़कर एक दृश्य दिखाई देते है ! जैसे-2 दिन चढ़ रहा था मौसम में गर्मी भी बढ़ती जा रही थी ! रास्ते भर जगह-2 रुकते-रुकाते हम लोग 1 घंटे में नैनीताल पहुँच गए ! नैनीताल में प्रवेश करने से 2-3 किलोमीटर पहले ही सड़क सुधार का कार्य चल रहा था, जिसकी वजह से यातायात थोड़ा बाधित था ! यहाँ से निकलते ही हम नैनीताल बस अड्डे पर पहुँच गए, यहाँ का बस अड्डा ज़्यादा बड़ा नहीं है ! इस बस अड्डे में गिनती की गाड़ियाँ ही खड़ी हो सकती है ! वैसे पहाड़ों पर तो अक्सर बस अड्डे छोटे ही होते है पर अन्य पहाड़ी क्षेत्रों की तुलना में मुझे ये काफ़ी छोटा लगा ! यहाँ पहुँच कर मैं गाड़ी खड़ी करने के लिए पार्किंग ढूँढने लगा !

आप लोगों की जानकारी के लिए बता दूँ कि नैनीताल को दो हिस्सो में विभाजित किया गया है, नीचे वाले हिस्से तो लोग तल्लीताल और उपर वाले हिस्से को मल्लीताल के नाम से जानते है ! नैनीताल के जिस हिस्से में मैं खड़ा था ये तल्लीताल है, हमें वहाँ खड़ा देखकर 2-3 लोग आ गए जो अपने आपको गाइड बता रहे थे और हमें नैनीताल घुमाने की बात करने लगे ! पहले मैं गाड़ी खड़ी करने की जगह ढूँढ लेना चाहता था इसलिए मैं उन लोगों को अनदेखा करता हुआ आगे माल रोड की ओर चल दिया ! नैना देवी मंदिर के पास ही गाड़ी खड़ी करने के लिए काफ़ी लंबी-चौड़ी पार्किंग है, मैने सोचा वहीं गाड़ी खड़ी करके नौकायान का आनंद लेंगे और फिर बाकी जगहों पर भी घूमेंगे ! माल रोड में प्रवेश करते ही 50 रुपए का शुल्क अदा किया और आगे बढ़ गए ! वैसे तो अधिकतर पाठक इस बात से वाकिफ़ ही होंगे कि किसी भी पहाड़ी क्षेत्र में माल रोड पर गाड़ी लेकर प्रवेश करने पर आपको एक शुल्क अदा करना होता है ! पैदल जाने पर ये शुल्क नहीं देना होता और देखा जाए तो माल रोड पर पैदल घूमने में ही असली मज़ा आता है !

नैनीताल में पार्किंग की ओर जाने का मार्ग झील के किनारे से होकर ही गुज़रता है और यही नैनीताल का माल रोड भी है ! मतलब यहाँ माल रोड पर एक तरफ तो झील है और दूसरी ओर बाज़ार है ! माल रोड पर भी रुकने के लिए कई होटल और गेस्ट हाउस है, पर पार्किंग की व्यवस्था शायद ही किसी होटल में हो ! आप अपनी ज़रूरत की विभिन्न प्रकार की वस्तुएँ माल रोड से खरीद सकते है ! पर अमूमन यहाँ के सामान का मूल्य बाज़ार से महँगा ही होता है ! पार्किंग के पास जाकर पता चला कि नैना देवी के पास वाली पार्किंग तो भर चुकी थी और दूसरी पार्किंग वहाँ से लगभग 1 किलोमीटर दूर थी ! दूसरी पार्किंग को ढूंढता हुआ जब मैं माल रोड के दूसरे हिस्से मल्लीताल पहुँचा तो वहाँ काफ़ी आगे जाने पर भी मुझे पार्किंग नहीं मिली ! ये हिस्सा माल रोड से काफ़ी दूर और उँचाई पर है, इसलिए अगर यहाँ गाड़ी खड़ी भी कर देता तो यहाँ से माल रोड तक आने जाने में ही अच्छी कसरत हो जाती ! मैं तो जैसे-तैसे ये मेहनत कर भी लेता, पर श्रीमती तो हाथ खड़े कर देती ! 

पार्किंग ना मिलने की वजह से मन थोड़ा हताश हो गया और मैं गाड़ी मोड़ कर वापिस माल रोड पर ले आया ! मैने सोचा अब तो वापस जाकर सातताल के झील में नौकायान का आनंद लेना पड़ेगा ! माल रोड पर ही एक किनारे गाड़ी खड़ी करके सोचा कि नैनी झील के कुछ फोटो ही खींच लूँ ! फोटो खींचने के दौरान ही एक युवक ने आकर कहाँ कि सर आपको नैनीताल घुमा दूँ ! मैने कहा यार गाड़ी खड़ी करने की जगह तो मिली नहीं, नैनीताल क्या खाक घूमूंगा ! उसने कहा कि आपकी गाड़ी से ही नैनीताल के मुख्य आकर्षण घुमा दूँगा, मैने कहा सही है यार ! वैसे भी मेरा तो वापिस जाने का ही विचार बन रहा है इसी बहाने अगर नैनीताल घूम लूँगा तो कम से कम इस बात का मलाल तो नहीं रहेगा कि नैनीताल आकर भी यहाँ घूम नहीं सका ! गाइड से तय हुआ कि वो हमें 5-6 जगह घुमा कर लाएगा, उसी ने हमें ये भी बताया कि शाम को 6 बजे से रात को 9 बजे तक माल रोड पर गाड़ियों के आवागमन पर रोक है !

naukuchiatal to nainital
नौकूचियाताल-नैनीताल मार्ग (On the way to Nainital from Naukuchiatal)
naukuchiatal nainital road
नौकूचियाताल-नैनीताल मार्ग (Way to Nainital)
way to nainital
A Sign Board on the way to Nainital
nainital road
Naukuchiatal - Nainital Road
way to nainital
Somewhere near Nainital
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नैनी झील (A view of Naini Lake)
क्यों जाएँ (Why to go Nainital): अगर आप साप्ताहिक अवकाश (Weekend) पर दिल्ली की भीड़-भाड़ से दूर प्रकृति के समीप कुछ समय बिताना चाहते है तो नैनीताल आपके लिए एक बढ़िया विकल्प है ! इसके अलावा अगर आप झीलों में नौकायान का आनंद लेना चाहते है तो भी नैनीताल का रुख़ कर सकते है !

कब जाएँ (Best time to go Nainital): 
आप नैनीताल साल के किसी भी महीने में जा सकते है, हर मौसम में नैनीताल का अलग ही रूप दिखाई देता है ! बारिश के दिनों में यहाँ हरियाली रहती है तो सर्दियों के दिनों में यहाँ भी कड़ाके की ठंड पड़ती है !

कैसे जाएँ (How to reach Nainital): दिल्ली से नैनीताल 
की दूरी महज 315 किलोमीटर है जिसे तय करने में आपको लगभग 6-7 घंटे का समय लगेगा ! दिल्ली से नैनीताल जाने के लिए सबसे बढ़िया मार्ग मुरादाबाद-रुद्रपुर-हल्द्वानि होते हुए है ! दिल्ली से रामपुर तक शानदार 4 लेन राजमार्ग बना है और रामपुर से आगे 2 लेन राजमार्ग है ! आप नैनीताल ट्रेन से भी जा सकते है, नैनीताल जाने के लिए सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम है जो देश के अन्य शहरों से जुड़ा है ! काठगोदाम से नैनीताल महज 23 किलोमीटर दूर है जिसे आप टैक्सी या बस के माध्यम से तय कर सकते है ! काठगोदाम से आगे पहाड़ी मार्ग शुरू हो जाता है !  

कहाँ रुके (Where to stay in Nainital): नैनीताल 
उत्तराखंड का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है यहाँ रुकने के लिए बहुत होटल है ! आप अपनी सुविधा अनुसार 800 रुपए से लेकर 5000 रुपए तक का होटल ले सकते है ! नौकूचियाताल झील के किनारे क्लब महिंद्रा का शानदार होटल भी है !

कहाँ खाएँ (Eating option in Nainital): नैनीताल में खाने-पीने की दुकानों की कमी नहीं है अगर आप कुमाऊँ का रुख़ कर रहे है तो यहाँ की बाल मिठाई का स्वाद ज़रूर चखें !

क्या देखें (Places to see near Nainital): नैनीताल में घूमने की जगहों की भी कमी नहीं है नैनी झील, नौकूचियाताल, भीमताल, सातताल, खुरपा ताल, नैना देवी का मंदिर, चिड़ियाघर, नैना पीक, कैंची धाम, टिफिन टॉप, नैनीताल रोपवे, माल रोड, और ईको केव यहाँ की प्रसिद्ध जगहें है ! इसके अलावा आप नैनीताल से 45 किलोमीटर दूर मुक्तेश्वर का रुख़ भी कर सकते है !

अगले भाग में जारी…

नैनीताल यात्रा
    1. दिल्ली से नैनीताल की एक सड़क यात्रा (A Road Trip from Delhi to Nainital)
    2. भीमताल झील की सैर (A Family Trip to Bhimtal)
    3. नैनीताल का मुख्य आकर्षण नैनी झील (Boating in Naini Lake, Nainital)
    4. नैनीताल की कुछ प्राकृतिक गुफाएं (A Visit to Eco Cave in Nainital)
    5. नौ कोनों वाली नौकूचियाताल झील (Boating in Naukuchiataal Lake)
    6. नैनीताल की सातताल झील (Sattal - An Offbeat Destination in Nainital)
    Pradeep Chauhan

    घूमने का शौक आख़िर किसे नहीं होता, अक्सर लोग छुट्टियाँ मिलते ही कहीं ना कहीं घूमने जाने का विचार बनाने लगते है ! पर कुछ लोग समय के अभाव में तो कुछ लोग जानकारी के अभाव में बहुत सी अनछूई जगहें देखने से वंचित रह जाते है ! एक बार घूमते हुए ऐसे ही मन में विचार आया कि क्यूँ ना मैं अपने यात्रा अनुभव लोगों से साझा करूँ ! बस उसी दिन से अपने यात्रा विवरण को शब्दों के माध्यम से सहेजने में लगा हूँ ! घूमने जाने की इच्छा तो हमेशा रहती है, इसलिए अपनी व्यस्त ज़िंदगी से जैसे भी बन पड़ता है थोड़ा समय निकाल कर कहीं घूमने चला जाता हूँ ! फिलहाल मैं गुड़गाँव में एक निजी कंपनी में कार्यरत हूँ !

    2 Comments

    1. नैनीताल तो जितनी बार चले जाओ उतनी बार काम लगता है,सुनकर आश्चर्य हुआ कि आप वापस जाएं का मन बना रहे थे

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      1. सही बात है, वापस आने का मन तो नहीं था पर आना पड़ा !

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