वीरवार, 12 अक्तूबर 2017
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यात्रा के पिछले लेख में आप हमारे गुडगाँव से हरिद्वार-ऋषिकेश होते हुए देवप्रयाग पहुँचने तक का विवरण पढ़ चुके है ! अब आगे, देवप्रयाग से चले तो 39 किलोमीटर चलने के बाद श्रीनगर पहुंचकर खाने के लिए रुके, यहाँ सड़क के किनारे ही गढ़वाल विश्वविद्यालय है और सड़क से थोड़ी दूरी पर एक मेडिकल कॉलेज भी है ! श्रीनगर में कॉलेज में पढने वाले लड़के-लड़कियों की अच्छी-खासी भीड़ देखने को मिली, यहाँ के माहौल को देखकर कोई कह नहीं सकता कि आप किसी मेट्रो शहर से दूर एक पहाड़ी क्षेत्र में है ! श्रीनगर एक बड़ा शहर है, यहाँ अच्छा-ख़ासा बाज़ार है, फल-फ्रूट से लेकर ज़रूरत का लगभग सभी सामान आपको मिल जायेगा ! गाडी सड़क के किनारे खड़ी करके हम गढ़वाल विश्वविद्यालय के सामने स्थित एक छोटे से होटल में खाना खाने के लिए पहुंचे ! खाने में रोटी, चने की सब्जी और आंवले, टमाटर, लहसुन और अदरक से बनी चटनी भी शामिल थी, सब्जी-रोटी तो ठीक-ठाक थी लेकिन चटनी का स्वाद लाजवाब था ! वैसे 30 रूपए प्रति थाली के हिसाब से बढ़िया भोजन था, सबने भरपेट खाया, यहाँ से फारिक होकर चले तो बगल में ही एक फल की दुकान से रास्ते में खाने के लिए कुछ सेब खरीद लिए !
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अलकनंदा नदी में स्थित धारी माता का मंदिर (A View of Dhari Devi Temple in Uttrakhand) |