रविवार, 20 नवंबर 2016
यात्रा के पिछले लेख में आपने पढ़ा कि किस तरह हम माउंट आबू से चलकर कई परेशानियों को पार करते हुए कुम्भलगढ़ पहुँचे ! अब आगे, केलवाड़ा में रात को जब सोए थे तो मौसम ठीक था लेकिन आधी रात के बाद अचानक ठंड बढ़ गई, गनीमत थी कि कमरे में कंबल रखे थे, तो ज़्यादा परेशानी नहीं हुई ! हालाँकि, रात को कुत्तों के भौंकने की आवाज़ सुनकर एक बार नींद भी खुली लेकिन खिड़की बंद करने के बाद पता नहीं चला कब सुबह हो गई ! सुबह समय से सोकर उठे, आज हमारा उद्देश्य "कुम्भलगढ़ किला" (Kumbhalgarh Fort) देखने के बाद "हल्दी घाटी" होते हुए वापिस उदयपुर पहुँचने का था, जहाँ से हमारी दिल्ली वापसी के लिए रात्रि ट्रेन थी ! बिस्तर से निकलने के बाद सभी लोग बारी-2 से नित्य क्रम से फारिक होकर तैयार होने लगे ! लेकिन हॉल में एक ही बाथरूम होने के कारण दिक्कत हो रही थी और समय भी ज़्यादा लग रहा था ! समस्या हल करने के लिए कुछ लोग नीचे वाले तल पर स्थित बाथरूम में पहुँच गए, और अगले एक घंटे में सब लोग नहा-धोकर तैयार हो चुके थे !
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कुम्भलगढ़ किले का प्रवेश द्वार |