![sariska alwar road](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg-lIkWZ3jqIzJwo8npy8deEJCrlY0UYTkGXqTIbGODfdzC0240l8xIgZoWQUB98PkE6aauvnAEILgrL2hCEvGyzvzBvsJ8xLkfwUAz23tymA9cMcUDqs6vTLlrp2M-ogSYagUXbqbpRZ5E/s640/01.JPG) |
सरिस्का से वापिस आते हुए (Sariska Alwar Road)
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इसलिए ये तय किया गया कि वापस सिलिसढ़ झील चलते है वहाँ थोड़ा समय बिताकर वापस अपने घर चले जाएँगे ! सरिस्का से अलवर जाते हुए रास्ते में बीच-2 में सड़क के दोनों ओर घना जंगल है, और इस समय सड़क के किनारे लंगूर और दूसरे जानवर घूम रहे थे ! यहाँ सड़क किनारे मौजूद जानवरों के कुछ चित्र लेने के बाद हम वापस अलवर जाने वाले मार्ग पर चल दिए ! इसी मार्ग पर पड़ने वाले होटल सरिस्का पैलेस के सामने थोड़ी देर के लिए रुके तो वहाँ मौजूद एक कर्मचारी से होटल और आस पास की जगहों के बारे में आवश्यक जानकारी भी ली ! कभी परिवार संग आना हो तो ये पैलेस रुकने के लिए एक अच्छा विकल्प है और यहाँ का आरक्षण आप इंटरनेट के माध्यम से यहाँ क्लिक करके भी करवा सकते है ! हम लोगों को आज ही वापस जाना था इसलिए यहाँ रुकने का तो सवाल ही नहीं था, थोड़ी देर माथा-पच्ची करने के बाद हम चारों वापस अलवर के लिए चल दिए !
सरिस्का से अलवर जाते हुए इसी मार्ग से आपकी बाईं ओर एक रास्ता सिलिसढ़ झील के लिए भी जाता है ! हमारा विचार इस झील को देखने और इसके आस-पास कुछ समय बिताने का था, सरिस्का पैलेस से झील की दूरी लगभग 30 किलोमीटर है, जिसे तय करने में हमें लगभग इतना ही समय लगता है ! दोपहर हो गई थी और भूख भी लगने लगी थी इसलिए सिलिसढ़ झील जाते हुए रास्ते में एक तिराहे पर हम लोग रुके ! यहाँ खाने-पीने की काफ़ी दुकानें थी, हम चारों सड़क के किनारे मौजूद एक दुकान में जलपान करने के लिए चल दिए ! यहाँ हमने अलवर की कचोरी का स्वाद चखा, जो बहुत अच्छा था, एक-2 प्लेट कचोरी खाकर पेट भर गया, फिर मुँह मीठा करने के लिए बेसन के लड्डू भी मँगवाए ! वैसे यहाँ का मिल्क-केक भी काफ़ी प्रसिद्ध है, वापसी में हमने उसका स्वाद भी चखा, यहाँ की मिठाइयों का स्वाद अपने शहर से थोड़ा अलग लगा ! जलपान करने के बाद वापस जाकर अपनी गाड़ी में बैठे और फिर से सिलिसढ़ झील जाने के लिए अपना सफ़र जारी रखा !
इस मार्ग पर 15 मिनट चलने के बाद मुख्य सड़क से बाईं ओर एक सहायक मार्ग है, ये मार्ग एक गाँव से होते हुए झील तक जाती है, यहाँ से झील की दूरी 4 किलोमीटर है ! इस मार्ग से होते हुए थोड़ी देर में हम सब झील के पास पहुँच गए, यहाँ सड़क के दाईं ओर खड़े लोगों की भीड़ देख कर हमें समझने में देर नहीं लगी कि हम झील के पास ही है ! सड़क के किनारे अपनी गाड़ी खड़ी करके हम सब झील देखने पहुँच गए, वैसे यहाँ से देखने में ये झील बहुत सुंदर लग रही थी ! इस झील को देखकर मुझे नैनीताल के भीमताल की याद आ गई, वो भी इसी झील की तरह एक पहाड़ी के किनारे स्थित है ! आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि सिलिसढ़ झील 7 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैली हुई है और इस झील का निर्माण महाराजा विनय सिंह ने सन 1845 में यहाँ की जनता के लिए करवाया गया था ! एक और ज़रूरी तथ्य बता दूँ कि बॉलीवुड फिल्म करण-अर्जुन की शूटिंग यहीं अलवर में हुई थी, होटल सरिस्का पैलेस को ठाकुर दुर्जन सिंह की हवेली के रूप में दिखाया गया था, जबकि अलवर और झील के आस पास के इलाक़ों में इस फिल्म के अन्य दृश्यों को फिल्माया गया था !
तो हम लोग यहाँ खड़े होकर झील के नज़ारे देखने लगे. इस झील के किनारे ही लेक पैलेस नाम का एक महल भी है, जिसमें जाने का द्वार मुख्य सड़क पर है ! इस समय जहाँ हम खड़े थे वहाँ से झील का सिर्फ़ एक हिस्सा ही दिखाई दे रहा था, इसलिए हम वापस मुख्य मार्ग की ओर चल दिए जहाँ हमारी गाड़ी खड़ी थी ! लेक पैलेस में जाने का प्रवेश द्वार यहीं पर था, अंदर जाने के लिए 50 रुपए प्रति व्यक्ति के हिसाब से प्रवेश शुल्क है ! हमने भी अंदर जाने के लिए चार टिकटें ले ली और अपनी गाड़ी लेकर अंदर चले गए ! प्रत्येक टिकट पर एक कोल्ड ड्रिंक, एक कॉफी, या एक पानी की बोतल मुफ़्त में मुहैया कराई जाती है, और कार पार्किंग के लिए भी अलग से कोई शुल्क नहीं है ! मुख्य द्वार से होते हुए हम लोग लेक पैलेस के प्रांगण में पहुँचे, यहाँ हमसे एक गड़बड़ हो गई, हमें लगा कि प्रवेश शुल्क इस पैलेस से झील देखने की फीस है, पर इस यात्रा से वापिस आने के बाद मुझे पता चला कि इस पैलेस में देखने के लिए भी काफ़ी कुछ था, जो हम जल्दबाज़ी में देखे बिना ही आ गए या यूँ कह लीजिए कि जानकारी के अभाव में नहीं देख पाए !
अब तो एक बार फिर से अलवर जाना ही पड़ेगा, ताकि सरिस्का के साथ इस पैलेस को भी देख सकूँ ! लेक पैलेस में प्रवेश करने के बाद हम सामने बने रेस्तराँ में पहुँच गए, जहाँ खाने-पीने की सुविधा है ! यहाँ से सिलिसढ़ झील का जो शानदार नज़ारा दिखाई दे रहा था वो वाकई लाजवाब था ! हालाँकि, नौकायान का किराया यहाँ काफ़ी महँगा था, 800 रुपए प्रति नाव ! वो अलग बात है कि आप किसी दूसरे समूह के साथ एक नाव में अड्जस्ट हो जाओ, नाव भी इंजिन से चलने वाली थी ! नाव में सवारी करने वाले लोगों की लंबी कतार थी, सभी अपनी-2 बारी की प्रतीक्षा कर रहे थे ! वैसे इस समय धूप बहुत तेज थी और ऐसे में नौकायान करने का हममें से किसी का भी मन नहीं था इसलिए हम नाव के चक्कर में नहीं पड़े ! गर्मी में नौकायान के दौरान झील का पानी भी खूब गर्मी देता है जो नौकायान के सारे मज़े को किरकिरा कर देती है ! फिर हम सब जाकर उस रेस्तराँ में बैठ गए और यहीं खाने-पीने का सामान मंगवाने लगे, यहाँ से भी झील का खूबसूरत नज़ारा दिखाई दे रहा था !
जब यहाँ बैठे-2 काफ़ी देर हो गई तो हम इस रेस्तराँ की छत पर पहुँच गए, यहाँ भी एक छोटी कैंटीन है जहाँ खाने-पीने का सामान मिलता है ! छत पर लोगों के बैठने की भी अच्छी व्यवस्था है और यहाँ से भी झील का खूबसूरत नज़ारा दिखाई देता है ! हम लोगों ने यहाँ बैठकर कॉफी का आनंद लिया और काफ़ी देर तक झील को यूँ ही निहारते रहे ! फिर जब यहाँ बैठे-2 काफ़ी समय हो गया तो हमने वापसी की सोची, समय देखा तो शाम के 5 बजने वाले थे, हम सब पैलेस से बाहर आकर अपनी गाड़ी की ओर चल दिए ! पैलेस से निकलकर थोड़ी देर बाद ही हम उस सहायक मार्ग को छोड़कर मुख्य मार्ग पर पहुँच गए, और अगले 15-20 मिनट में अलवर पहुँच गए ! अलवर में भी हमने थोड़ा समय शहर में घूम कर बिताया फिर रामगढ़ होते हुए अलवर-सोहना मार्ग की ओर चल दिए !
कासरोली टोल नाका पार किया तो शाम के 6 बजने वाले थे, हालाँकि, अंधेरा होने में अभी काफ़ी समय बचा था ! इस मार्ग पर आते ही मैने गाड़ी की रफ़्तार बढ़ा दी, कस्बों से गुज़रते हुए हमारी रफ़्तार ज़रूर थोड़ा धीमे हो जा रही थी ! पर जहाँ भी खाली सड़क दिखी, हमारी गाड़ी ने 130 किलोमीटर तक की रफ़्तार भी पकड़ी ! मेरा लक्ष्य अंधेरा पार होने से पहले मेवात क्षेत्र को पार करने का था, मुझे इस क्षेत्र में चोरी-चकारी की काफ़ी घटनाएँ सुनने को मिली थी इसलिए रात में इस क्षेत्र में घूमना सुरक्षित नहीं है ! तेज गाड़ी चलाने का नतीजा ये निकला कि हम अंधेरा होते-2 मेवात से बाहर निकल चुके थे ! यहाँ एक गाँव में से होते हुए हम सब हथीन से निकलकर पलवल की ओर चल दिए ! इस गाँव में सड़क की हालत बहुत खराब थी, मुख्य सड़क पर ही बहुत बड़े-2 गड्ढे थे इसलिए यहाँ थोड़ा अधिक समय लग गया ! फिर घर पहुँचते-2 रात के साढ़े आठ बज गए, इस तरह हम सरिस्का में ज़्यादा कुछ तो देख नहीं पाए पर झील के पास समय बिताना काफ़ी अच्छा अनुभव रहा !
![sariska palace](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhdT-al8XcGnWXMC_lc8R8Z0OB8qbTOelVlJ5UaNC0N27Wxu7mXXMhTo8ACbh4rYMduwVrxRQHsVbWrQ2AhEACpmm0N2YpqRiG3erKoDFE-dy_cJHStgtgbVy-4ORV2xp7HR6pxOpgUKlWK/s640/02.JPG) |
होटल सरिस्का पैलेस (Hotel Sariska Palace) |
![sariska to alwar](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg7Unw4wcCqwtRdEAe22Pmnx41qoJGSgifFOa51osQHCQfSjwygj8GeFbKA_YWr7Xc9KDI10qe-QuW-xRdKI8AeE2c5S0O5HUhQ8sk92Bs5ae61qKC2H2CairLZRgnTdCGKEk0rS_Xw6xvH/s640/03.JPG) |
रास्ते में लिया एक चित्र (A View on the Way) |
![way to siliserh lake](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjxZ8ZiqLiDHKfiU10KAAv-pQtBFtEJSq9mIcLQgZO_GWGJhIjsT5nY-0TPRsoO138CbqYH8hX_ibAXWOv9S9WESMkfpvaLvwk-gbr3nEdHE48Ro9Yo3Y8XO5l9LYBe7XxV2UHHONgJIJEL/s640/07.JPG) |
सरिस्का से झील की ओर जाने का मार्ग (Way to Siliserh Lake) |
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj60OHdETgDmVFWeMS_qeyy7t3ZrItzOcBeesx3deQTero-OZ7m-g4-sthqXm0IWE2qhpHdxqb_jBJs6jrEGkqBB0AQDYtfmO_a3X_n-2lEjLOZwlVR7T7smXnu0tzo14UHkdzSs7zWyyam/s640/10.jpg) |
मार्ग में एक मंदिर (Temple on Sariska Alwar Road) |
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi0zGaRZ65oBFcGTRH38G1DJqMkYMafMEiv-GUYGW4L2xKtR71Q7WxdphXfsOKYmZzNFEjQ4JDodjFl3n63j-WK5TAXE3wvJ92HF1LGSw0iObAm5zALtWeFuEuFMjmZTYLqLmvM8TTy-gB1/s640/11.jpg) |
मंदिर जाने के मार्ग में पुल से लिया एक चित्र |
![siliserh lake](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhdQuiYSCDev32QGHedWa09LtlJSo5sdqzzQTYed0s09lQe66dlUxapBEAL63iedzGjoxEpr47tV_t3zZyzoqd4NygMVkkVH5o86JPbZsKHchw5LX94fODnTVXfZGrU1By4PBpH5Gjbp3Yv/s640/12.JPG) |
सिलिसढ़ झील (Siliserh Lake) |
![lake palace](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgX6fw7UvADq_hJWlXqTgARstgQ7BYRTVp78fWTJYJ6GOyaXM5ML6Hv7L1D98Q_HnRGNtFE7nk23OvKpcELtiUyFy3wghna6XlP6KpWewar7B_wdryzdWuGHRzC5IMEHcEtOGd5exXQwHw7/s640/13.jpg) |
लेक पैलेस (Lake Palace) |
![siliserh lake](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgF8EsHDodzCCIYY5iPMfrxmLTISjp86f60sw1OlpaMyFcQEVcGlPQkBxwGfKWQSNWbXJM9MPQ18z5RIJ8yPTaAzoHVET3XJapF3lE_lawb_JEYjHWCDy5_eQfYPSjm4uasAKpN56E4WUM0/s640/14.jpg) |
झील का एक और दृश्य (Another view of Siliserh Lake) |
![lake palace](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhc593VckNvZhVpiLpUdad1uIENDTlY3vo7SHVJsX6MDtw9UX2-Tkh8JL_T3p9EIqFZzxjEuOTrnoxruLEp5YtomNqmyz-3ytUj70HwuXq3cZ6ZGhrX3ayEGlXTtk_gRrukQjqMjiGX4qM_/s640/15.jpg) |
लेक पैलेस का प्रांगण |
![siliserh lake](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhej9Vl0tkxktFBkOnp3v7FLoZvTlDDKXpKRGR4brdCpxjn_YNgddV5XVKieygxeK7iNUn_aPWJhtr2c_fmyLI38UrJNBmX3S0-SiXZ9FmF5etwiY1HNMWDUggORK4n_oz-MXAJBY6G_uHz/s640/16.jpg) |
दूर तक फैली झील (Beauty of Siliserh Lake) |
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEijpXk-pr3wJlsSKdfTqeDuI1-XkLjnYj9gQmHRAfZKx2rzh4OUjq4n0ZOVKxAdOojGY01HNKuVYFhwZHrcMzc48RZGWMNYn7Nob0syB7J65Peh87lBvnd8E7ZvmWymuVD3IBzZKv9VsC82/s640/17.jpg) |
झील तक जाने का मार्ग (Way to Siliserh Lake) |
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjzgvAtoPnlUl2lRqYYb0O7-KivTjp8S7GtbHgfNe9HfDMBwYbBkQt2sUr7MB9bq92SF7JRciKV4eatto2N90T1Qwew02i-b9xa6YqBa_7Ggb-eugxcJHHCZ3daB7LSoaj3fGKziQBNOsi8/s640/19.JPG) |
झील में नौकायान (Boating in Siliserh Lake) |
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiQvKBcBFhmcnavwPDjPk2YBOCiufUpU45CmAHAkVCoFluMsADXMWZ8y9S6cVUTDDb_JWubbLNut-UxdE4dQ8DycpEu0A0YDOiwHAX1ZfyT5Rf83uedk8QIc2LRmkL_F6TLqvz9w35tQgHf/s640/22.JPG) |
झील में नौकायान (Boating in Siliserh Lake) |
![circuit house](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh_DRjYGFl4ysHBV_Ej9v1mZguoM3Jh0XzBOSTXrhGDUI7-Welw6qKEuI8aCPmsQZV0b7gV61EKlKU8Ie6xZD0-3ROUzkuhPkn2-2wRSWB46yGFCjH8cU3SvAZGGve0DRAaCm-GKkW_ZSAq/s640/24.jpg) |
झील के मध्य स्थित सर्किट हाउस (Circuit House in Siliserh Lake) |
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjLWgYdO2BcjO5D3deGY8JGTanPM2Ba7Bt5DdjRtsqoFa7ZrVq0LfPgMj4TA-WgcsE3XmTDdrMP0XXapqiwZQxH8-NBs6-BA7oyH5ohz-pGTaGZ70VE-7pl1SfDBmgw_ABoMwXsgrrEFOGQ/s640/25.jpg) |
पैलेस से बाहर जाने का मार्ग |
![alwar to sohna](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgM8LUNDBq4jWHuIHQuXIzHOiffwxtMkcOgOYSDAS7-I4_XsT1be2fK0bAWna-WeQ1TqgcDNJRhSuydLt0YOsFTLcpBPGMuxTQkzL0ORbXU8lGAYHWZZAp5Pb3eaBfQlYP05L0y1H2mkjF7/s640/26.jpg) |
अलवर सोहना मार्ग (Alwar Sohna Road) |
क्यों जाएँ (Why to go Sariska): अगर आप दिल्ली के आस-पास नौकायान के साथ-2 वन्य जीव उद्यान भी घूमना चाहते है तो सरिस्का आपके लिए बढ़िया जगह है ! यहाँ झील के अलावा अरावली पर्वतमाला भी है !
कब जाएँ (Best time to go Sariska): वैसे तो आप साल के किसी भी महीने में सरिस्का जा सकते है लेकिन बारिश के मौसम में ये वन्य जीव उद्यान बंद रहता है जुलाई से सितंबर के बीच अगर यहाँ जा रहे है तो आप वन्य जीव उद्यान नहीं देख पाएँगे ! लेकिन सिलिसढ़ झील में नौकायान का आनंद आप साल भर ले सकते है, झील के किनारे ही एक सरकारी बार भी है जहाँ मदिरा और खाने-पीने का सामान मिल जाएगा !
कैसे जाएँ (How to reach Sariska): दिल्ली से सरिस्का की दूरी मात्र 213 किलोमीटर है सरिस्का सड़क मार्ग से अच्छे से जुड़ा हुआ है जबकि यहाँ का नज़दीकी रेलवे स्टेशन अलवर है जिसकी दूरी सरिस्का से 45 किलोमीटर है ! अलवर से सरिस्का जाने के लिए आपको जीपें और अन्य सवारियाँ आसानी से मिल जाएँगी ! जबकि आप सीधे दिल्ली से सरिस्का निजी गाड़ी से भी जा सकते है, इसके लिए आपको भिवाड़ी-तिजारा-अलवर होते हुए जाना होगा ! अगर आप हवाई सफ़र का आनंद लेना चाहते है तो यहाँ का सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा जयपुर है जिसकी दूरी यहाँ से 111 किलोमीटर है ! हवाई अड्डे से आप टैक्सी लेकर सरिस्का आ सकते है !
कहाँ रुके (Where to stay in Sariska): सरिस्का में रुकने के लिए बहुत कम विकल्प है, गिनती के 2-4 ही होटल होंगे ! अधिकतर होटल यहाँ से 45 किलोमीटर की दूरी पर अलवर में है ! होटल में रुकने के लिए आपको 1200 से 2000 तक खर्च करने पड़ सकते है !
क्या देखें (Places to see in Bhangarh): वैसे तो सरिस्का और इसके आस-पास देखने के लिए काफ़ी जगहें है लेकिन सरिस्का वन्य जीव उद्यान, सरिस्का पैलेस, और सिलिसढ़ झील प्रमुख है !
समाप्त...
सरिस्का यात्रा
- सरिस्का में दोस्तों संग मस्ती (A Road Trip to Sariska)
- सिलिसढ़ झील के पास बिताए कुछ पल (Moments spent near Siliserh Lake)
प्रदीप जी...... अच्छा नही लगा .. की आपको सरिस्का अभ्यारण के दर्शन न हुए....
ReplyDeleteखैर झील और पैलेस यात्रा अच्छी करवाई आपने ..... फोटो ने वहां की कमी को पूरा कर दिया
धन्यवाद रितेश भाई !
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