नौ कोनों वाली नौकूचियाताल झील (Boating in Naukuchiataal Lake)

सोमवार, 03 नवंबर 2014 

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यात्रा के पिछले लेख में आपने नैना पीक और ईको केव के बारे में पढ़ा, अब आगे, कल नैनीताल से वापिस आए तो समय से सो गए, सुबह नींद खुली तो कमरे की बालकनी से बाहर का शानदार नज़ारा दिखाई दे रहा था ! नैनीताल भ्रमण के बाद अब हमारे पास घूमने के लिए नौकूचियाताल और सातताल बचे थे ! घंटे भर में नित्य-क्रम से फारिक हुए और होटल के बगल में स्थित हनुमान जी का मंदिर देखने चल दिए ! हमारे होटल से लगभग 100 मीटर की दूरी पर हनुमान जी का एक मंदिर था, यहाँ हनुमान जी की विशाल प्रतिमा स्थापित की गई है ! जिस समय हम लोग मंदिर पहुँचे वहाँ बिल्कुल भी भीड़ नहीं थी, इसलिए दर्शन करने में हमें कोई दिक्कत नहीं आई ! हनुमान जी के दर्शन करने के बाद हम लोग मंदिर से एक किलोमीटर आगे उसी मार्ग पर नौकूचियाताल की ओर चल दिए ! इस झील के नौ कोने होने के कारण इसका नाम नौकूचियाताल पड़ा, लगभग एक किलोमीटर लंबी और 700 मीटर चौड़ी इस झील की औसतन गहराई 40 मीटर है ! कहते है कि झील के किसी भी एक किनारे पर खड़े होकर आप झील के सारे कोनों को एक साथ नहीं देख सकते, ये बात तो मैने जाँच कर भी देखी ! 

hanuman temple naukuchiatal
नौकूचियताल में हनुमान जी की प्रतिमा (Lord Hanuman Idol in Naukuchiatal)
दरअसल, झील का आकार ही कुछ ऐसा है कि किसी भी कोने पर खड़े होने से अधिकतम 7 कोने ही दिखाई दे सकते है ! होटल से जाने पर हमें इस झील से पहले एक तालाब दिखाई दिया, अंधेरा होने के कारण बीती शाम को मैं इस तालाब के पास तक आकर वापस चला गया था ! तालाब के किनारे एक पतली सड़क बनी हुई है जो कुमायूँ मंडल के होटल तक जाती है, होटल से देखने पर दूर तक फैली ये झील बहुत सुंदर लगती है ! झील के अलग-2 किनारों पर नौका वाले अपनी नौकाएँ लेकर खड़े रहते है, जहाँ आप अपनी सुविधा अनुसार शिकारा या पेडल-बोट की सवारी का आनंद ले सकते है ! जो लोग शिकारा और पेडल-बोट से अनजान है उनकी जानकारी के लिए बता दूँ कि शिकारा बोट में आपको बस आराम से बैठना होता है, नाव चलाने का जिम्मा नाविक का होता है जबकि पेडल-बोट में आपको खुद ही पेडल मार कर नाव चलानी होती है ! इस झील में आपकी सहूलियत अनुसार सवारी के लिए विभिन्न प्रकार की छोटी-बड़ी नौकाएँ उपलब्ध है, जिसके लिए आपको दाम भी अलग-2 चुकाने पड़ते है ! 

शिकारा बोट की सवारी के लिए आपको आधे घंटे की सवारी के लिए 250 रुपए जबकि पेडल-बोट के लिए 200 रुपए प्रति घंटे खर्च करने पड़ेंगे ! हम लोगों ने अपनी गाड़ी सड़क के एक किनारे खड़ी की और एक पेडल-बोट लेकर झील में नौकायान का आनंद लेने के लिए चल दिए ! जिस समय हम लोग झील में गए, उस समय वहाँ ज़्यादा पर्यटक नहीं थे, हम लोगों ने कुमायूँ मंडल के होटल के निकट से यात्रा प्रारंभ की और एक घंटे में झील का पूरा चक्कर लगा लिया ! झील का पानी एकदम शांत और गहरे हरे रंग का दिखाई दे रहा था, पर हाथ में उठाने पर पानी एकदम साफ था ! झील में नौकायान करते हुए हर जगह से एक अलग ही नज़ारा दिखाई दे रहा था, पर धूप तेज़ होने की वजह से गर्मी भी बहुत लग रही थी ! जिस समय हम लोग नौकायान का आनंद लेकर झील से बाहर आए, रोहतक के एक स्कूल का समूह झील के किनारे ही नौकायान की सवारी के लिए तैयारी कर रहा था ! बाहर आकर नाव वाले को भुगतान किया और वापस अपनी गाड़ी की ओर चल दिए ! 

गाड़ी में सवार होकर पहले तो झील के किनारे बनी सड़क पर पूरे झील का एक चक्कर लगाया और जहाँ जाकर रास्ता बंद था वहाँ से वापिस आकर भीमताल की ओर चल दिए ! भीमताल पहुँचते-2 दोपहर के बारह बज चुके थे, यहाँ दोपहर का भोजन करने के पश्चात हम सातताल के सफ़र पर निकल पड़े ! सातताल जाने का मार्ग वही था जिसपर चलकर कल हम लोग नैनीताल गए थे, भीमताल से लगभग 5-6 किलोमीटर चलने के बाद सड़क के बाईं ओर से एक मार्ग निकलता है, ये मार्ग घने जंगलों से होता हुआ सातताल तक जाता है ! हालाँकि, कुछ लोगों ने बताया कि भीमताल से सातताल जाने के लिए एक कच्चा पर छोटा रास्ता भी है, पर इस रास्ते पर गाड़ी से नहीं जाया जा सकता था ! सातताल जाने वाला सड़क मार्ग भीमताल-नैनीताल मार्ग की अपेक्षा थोड़ा कम चौड़ा और कम भीड़-भाड़ वाला है ! इस मार्ग के शुरुआत में ही एक शिक्षण संस्थान है, जहाँ उस समय वहाँ कुछ विद्यार्थी चहलकदमी कर रहे थे, इस मार्ग पर आगे जाकर हमें मुश्किल से इक्का-दुक्का गाड़ियाँ और लोग ही इस राह पर देखने को मिले ! 

हम घुमावदार रास्तों से होते हुए इस झील की ओर बढ़ रहे थे, ये झील सड़क से काफ़ी नीचे और घने जंगलों के बीच में है ! रास्ते में कई जगह रुकते-रुकाते जब हम लोग सातताल पहुँचने वाले थे तो सातताल से थोड़ा पहले ही एक पुल था, जिसके बाईं ओर तो ये झील है जबकि दाईं ओर एक कच्चा मार्ग जॅंगल में एक झरने तक जाता है ! झरने की जानकारी मुझे वहाँ के एक स्थानीय नागरिक से मिली, हालाँकि हम लोग समय के अभाव में इस झरने पर नहीं जा पाए ! पुल से थोड़ा आगे बढ़ने पर 30 रुपए का पार्किंग शुल्क अदा किया और फिर वहीं पास में गाड़ी खड़ी करके हम लोग सातताल की ओर पैदल ही चल दिए ! झील की ओर जाने वाले रास्ते में दाईं ओर तो कई छोटे-बड़े ढाबे और दुकानें है जहाँ खाने-पीने के अलावा अलग-2 तरह का सामान उपलब्ध है, जबकि बाईं ओर ढाबे वालों की तरफ से लोगों के लिए बैठ कर खाने-पीने की व्यवस्था है ! थोड़ा सा और आगे बढ़ने पर दाईं ओर कश्मीरी उनी कपड़ों की दुकानें थी और वहीं कुछ दुकानें खिलोनों की भी थी ! यहीं एक दुकान ऐसी भी थी जहाँ आप अग्रिम भुगतान करके नौकायान का आनंद ले सकते है !

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नौकूचियाताल झील (A View of Naukuchiatal Lake)
naukuchiatal
नौकूचियताल झील की एक झलक (A View of Naukuchiatal)

boating in naukuchiatal
Boating in Naukuchiatal
KMVN nainital
झील से दिखाई देता कुमायूँ मंडल का होटल (KMVN Hotel near Naukuchiatal)
naukuchiatal
Naukuchiatal Lake

boating in naukuchiatal

naukuchiatal sattal road
नौकूचियाताल सातताल मार्ग  (Way to Sattal)
sattal church
मार्ग में एक चर्च (A Church on the Way)
sattal forest
सातताल जाने वाले मार्ग में घना जंगल (Dense Forest before Sattal)
way to sattal
नौकूचियाताल सातताल मार्ग (Naukuchiatal Sattal Road)
sattal lake
सड़क से दिखाई देती सातताल झील (First Look of Sattal)
guest house sattal
Sattal Guest House
क्यों जाएँ (Why to go Naukuchiatal): अगर आप साप्ताहिक अवकाश (Weekend) पर दिल्ली की भीड़-भाड़ से दूर प्रकृति के समीप कुछ समय बिताना चाहते है तो नौकूचियाताल आपके लिए एक बढ़िया विकल्प है ! इसके अलावा अगर आप झीलों में नौकायान का आनंद लेना चाहते है तो भी नौकूचियाताल का रुख़ कर सकते है !

कब जाएँ (Best time to go Naukuchiatal): 
आप नौकूचियाताल साल के किसी भी महीने में जा सकते है, हर मौसम में नौकूचियाताल का अलग ही रूप दिखाई देता है ! बारिश के दिनों में यहाँ हरियाली रहती है तो सर्दियों के दिनों में यहाँ भी कड़ाके की ठंड पड़ती है !

कैसे जाएँ (How to reach Naukuchiatal): दिल्ली से नौकूचियाताल 
की दूरी महज 320 किलोमीटर है जिसे तय करने में आपको लगभग 6-7 घंटे का समय लगेगा ! दिल्ली से नौकूचियाताल जाने के लिए सबसे बढ़िया मार्ग मुरादाबाद-रुद्रपुर-हल्द्वानि होते हुए है ! दिल्ली से रामपुर तक शानदार 4 लेन राजमार्ग बना है और रामपुर से आगे 2 लेन राजमार्ग है ! आप नौकूचियाताल ट्रेन से भी जा सकते है, नौकूचियाताल जाने के लिए सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम है जो देश के अन्य शहरों से जुड़ा है ! काठगोदाम से नौकूचियाताल महज 24 किलोमीटर दूर है जिसे आप टैक्सी या बस के माध्यम से तय कर सकते है ! काठगोदाम से आगे पहाड़ी मार्ग शुरू हो जाता है !  

कहाँ रुके (Where to stay in Naukuchiatal): नौकूचियाताल 
उत्तराखंड का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है यहाँ रुकने के लिए बहुत होटल है ! आप अपनी सुविधा अनुसार 800 रुपए से लेकर 5000 रुपए तक का होटल ले सकते है ! नौकूचियाताल झील के किनारे क्लब महिंद्रा का शानदार होटल भी है !

कहाँ खाएँ (Eating option in Naukuchiatal): नौकूचियाताल का सबसे नज़दीकी बाज़ार भीमताल में है जो ज़्यादा बड़ा नहीं है और यहाँ 
खाने-पीने की  गिनती की दुकानें ही है ! खाने-पीने का अधिकतर सामान तो यहाँ मिल जाएगा लेकिन अगर कुछ स्पेशल खाने का मन है तो समय से अपने होटल वाले को बता दे !

क्या देखें (Places to see near Naukuchiatal): 
नौकूचियाताल और इसके आस-पास घूमने की जगहों की भी कमी नहीं है नैनी झील, सातताल, खुरपा ताल, नैना देवी का मंदिर, चिड़ियाघर, नैना पीक, कैंची धाम, टिफिन टॉप, नैनीताल रोपवे, माल रोड, और ईको केव यहाँ की प्रसिद्ध जगहें है ! इसके अलावा आप भीमताल से 37 किलोमीटर दूर मुक्तेश्वर का रुख़ भी कर सकते है !

अगले भाग में जारी…

नैनीताल यात्रा
    1. दिल्ली से नैनीताल की एक सड़क यात्रा (A Road Trip from Delhi to Nainital)
    2. भीमताल झील की सैर (A Family Trip to Bhimtal)
    3. नैनीताल का मुख्य आकर्षण नैनी झील (Boating in Naini Lake, Nainital)
    4. नैनीताल की कुछ प्राकृतिक गुफाएं (A Visit to Eco Cave in Nainital)
    5. नौ कोनों वाली नौकूचियाताल झील (Boating in Naukuchiataal Lake)
    6. नैनीताल की सातताल झील (Sattal - An Offbeat Destination in Nainital)
    Pradeep Chauhan

    घूमने का शौक आख़िर किसे नहीं होता, अक्सर लोग छुट्टियाँ मिलते ही कहीं ना कहीं घूमने जाने का विचार बनाने लगते है ! पर कुछ लोग समय के अभाव में तो कुछ लोग जानकारी के अभाव में बहुत सी अनछूई जगहें देखने से वंचित रह जाते है ! एक बार घूमते हुए ऐसे ही मन में विचार आया कि क्यूँ ना मैं अपने यात्रा अनुभव लोगों से साझा करूँ ! बस उसी दिन से अपने यात्रा विवरण को शब्दों के माध्यम से सहेजने में लगा हूँ ! घूमने जाने की इच्छा तो हमेशा रहती है, इसलिए अपनी व्यस्त ज़िंदगी से जैसे भी बन पड़ता है थोड़ा समय निकाल कर कहीं घूमने चला जाता हूँ ! फिलहाल मैं गुड़गाँव में एक निजी कंपनी में कार्यरत हूँ !

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