tag:blogger.com,1999:blog-8054994595263569981.post2161398178576065973..comments2024-02-21T19:06:00.474+05:30Comments on मैं हूँ मुसाफिर (Main Hoon Musafir): दिल्ली से लैंसडाउन का एक यादगार सफ़र (A Road Trip from Delhi to Lansdowne)Pradeep Chauhanhttp://www.blogger.com/profile/02149850683078003565noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-8054994595263569981.post-4092493294108273772016-03-15T09:33:00.923+05:302016-03-15T09:33:00.923+05:30बिलकुल सही बात, मैंने तो बरसात के मौसम में पहाड़ो प...बिलकुल सही बात, मैंने तो बरसात के मौसम में पहाड़ो पर गाडी ले जाने से तौबा कर ली !Pradeep Chauhanhttps://www.blogger.com/profile/02149850683078003565noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8054994595263569981.post-7777550156973835542016-03-14T18:48:29.567+05:302016-03-14T18:48:29.567+05:30पहला ही कदम रखते ओले पड़े यानि सिर मुड़ाते ओले पड़े।च...पहला ही कदम रखते ओले पड़े यानि सिर मुड़ाते ओले पड़े।चलते है आगे थोडा नाश्ता कर लो हा हा हादर्शन कौर धनोयhttps://www.blogger.com/profile/06042751859429906396noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8054994595263569981.post-25570878918906130062016-03-08T09:22:34.958+05:302016-03-08T09:22:34.958+05:30बात तो सही है, लेकिन कई बार आपका आत्मविश्वास आपके ...बात तो सही है, लेकिन कई बार आपका आत्मविश्वास आपके आड़े आ जाता है ! हमारे साथ कुछ ऐसा ही हुआ था कि लैंसडाउन का रास्ता तो सीधा ही है !Pradeep Chauhanhttps://www.blogger.com/profile/02149850683078003565noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8054994595263569981.post-16611134883558719962016-03-08T00:26:28.735+05:302016-03-08T00:26:28.735+05:30वैसे इंटीरियर्स में ज़्यादातर एप्स की जगह लोकल लोगो...वैसे इंटीरियर्स में ज़्यादातर एप्स की जगह लोकल लोगों से रास्ता पूछना ही सही रहता है. कई बार वे खुद की एक रास्ते के साथ साथ alternative रास्ते भी बता देते हैं. Nice narration, moving on to the next post.Ragini Purihttps://www.blogger.com/profile/16731520587806146773noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8054994595263569981.post-19697547598984992342016-03-07T14:48:08.701+05:302016-03-07T14:48:08.701+05:30गूगल के भरोसे गए थे, नतीजा भी भुगत लिया !गूगल के भरोसे गए थे, नतीजा भी भुगत लिया !Pradeep Chauhanhttps://www.blogger.com/profile/02149850683078003565noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8054994595263569981.post-54186996877851108582016-03-07T14:45:34.180+05:302016-03-07T14:45:34.180+05:30शुरू में ही मार्ग गलत पकड लिया, हापुड से मेरठ व वह...शुरू में ही मार्ग गलत पकड लिया, हापुड से मेरठ व वहां से नजीबाबाद वाला रास्ता पकडना था, रास्ता भी अच्छा था ओर कांवडियो की इतनी भीड भी नही होती है, पहले सडको पर पानी आ जाता था, अब तो ऐसी जगह पुलिया भी बना दी गई है, खैर कोई नही अपनी यात्रा को आगे बढाओ।Sachin tyagihttps://www.blogger.com/profile/05026492634418980571noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8054994595263569981.post-55037211541297464872016-02-23T15:36:54.351+05:302016-02-23T15:36:54.351+05:30वैसे दोस्तों संग ऐसी यात्राओं में रोमांच भी खूब रह...वैसे दोस्तों संग ऐसी यात्राओं में रोमांच भी खूब रहता है ! बीवी वाली बात का तो क्या जवाब दूँ आपने ही सब कुछ कह दिया !Pradeep Chauhanhttps://www.blogger.com/profile/02149850683078003565noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8054994595263569981.post-8874705859054492022016-02-23T15:05:09.696+05:302016-02-23T15:05:09.696+05:30पास में रहने का ये फायदा भी है कि आप एक दुसरे के प...पास में रहने का ये फायदा भी है कि आप एक दुसरे के पास जल्दी ही पहुँच पाते हैं ! दुनियां में सबको बीवी का डर सताता है भाई जी !!Yogi Saraswathttps://www.blogger.com/profile/17101659017154035233noreply@blogger.com